बदलाव की बयारः कुर्ते पायजामे में डिग्री लेंगे आइआइटियंस
निया भर में हिंदू की पताका फहराने को इंजीनियरों की एक और फौज तैयार है। कानपुर आइआइटी के 50वें दीक्षा समारोह में इन्हें डिग्री दी जाएगी।
कानपुर (जेएनएन)। अपनी तकनीकी काबिलियत से दुनिया भर में हिंदू की पताका फहराने को इंजीनियरों की एक और फौज तैयार है। कानपुर आइआइटी के 50वें दीक्षा समारोह में इन्हें डिग्री दी जाएगी। मगर, खास बात तो यह है कि ये समारोह पूरी तरह से भारतीयता से सराबोर होगा। गाउन और हैट की बजाए छात्र-छात्राएं पारंपरिक परिधान कुर्ता-पायजामा पहनेंगे।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के दीक्षा समारोह में पहली पहली बार छात्र-छात्राएं पारंपरिक वेशभूषा में डिग्री लेने के लिए मंच पर आएंगे। यही नहीं, अतिथि, निदेशक व डीन समेत मंच पर बैठे अन्य प्रोफेसर भी कुर्ता पायजामे में नजर आएंगे। 15 व 16 जून को होने वाले दीक्षा समारोह के लिए बनाई गई इस पारंपरिक ड्रेस को निर्णायक मंडल ने हरी झंडी दे दी है।
पीटी उषा व प्रो. स्वामीनाथन समेत चार को मानद उपाधि :
आइआइटी के 50वें दीक्षा समारोह को दो चरणों में बांटा गया है। समारोह में पद्म विभूषण व देश में हरित क्रांति के जनक प्रो. एमएस स्वामीनाथन, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के प्रोफेसर अजय के सूद, पद्मश्री व उडऩपरी पीटी उषा व प्रो. मृगांक सुर को मानद उपाधि से नवाजा जाएगा।