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छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग का पटल सहायक भी गिरफ्तार, ईओडब्ल्यू टीम ने की कार्रवाई

हाथरस के दो स्कूलों में 2010 से 2011 के बीच 93.27 लाख का घोटाला हुआ था जिसमें 17 लोग दोषी मिले थे। प्रकरण की जांच कर रही ईओडब्ल्यू टीम ने आरोपित पटल सहायक को बुलंदशहर से गिरफ्तार किया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 08:59 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 08:59 AM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग का पटल सहायक भी गिरफ्तार, ईओडब्ल्यू टीम ने की कार्रवाई
हाथरस के दो स्कूलों में हुआ था घोटाला।

कानपुर, जेएनएन। हाथरस में 11 साल पहले दो स्कूलों में फर्जी छात्र संख्या दिखाकर करीब 93.27 लाख रुपये के शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति घोटाले में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन पटल सहायक (लिपिक) बहोरीलाल को बुधवार को बुलंदशहर के राधानगर स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। वह 27.50 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले के चार और मामलों में भी आरोपित है। ये मुकदमे भी हाथरस के विभिन्न थानों में दर्ज कराए गए थे। उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व ही मामले में एक कालेज के प्रधानाचार्य श्यामवीर ङ्क्षसह को जेल भेजा जा चुका है।

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वर्ष 2010 से 2011 के बीच हाथरस में जलेसर रोड बुढ़ाइच स्थित एसडी एजुकेशनल इंस्टीट््यूट में 20.25 लाख रुपये और आरपीआइ टेक्निकल कालेज में 73.02 लाख रुपये का छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाला हुआ था। जांच में सामने आया था कि दोनों कालेजों की मान्यता नहीं थी, लेकिन शासन को शुल्क प्रतिपूर्ति का मांगपत्र भेजा गया था। इसके लिए कालेजों में फर्जी छात्र संख्या दिखाई गई। प्रारंभिक जांच के बाद तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी श्रीनिवास द्विवेदी ने मुरसान थाने में विभाग के पटल सहायक बहोरीलाल के खिलाफ छात्रवृत्ति संबंधी अभिलेख गायब करने के आरोप में मुकदमा लिखाया था। बाद में शासन ने जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी। ईओडब्ल्यू के एसपी बाबूराम ने बताया कि जांच में विद्यालयों के प्रबंधक व सपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष मनोज यादव, पटल सहायक बहोरीलाल, तत्कालीन डीआइओएस सर्वेश कुमार, डीआइओएस कार्यालय के लिपिक प्रेमपाल सिंह, दोनों कालेजों के प्रधानाचार्य श्यामवीर सिंह व रजनेश कुमार, कालेजों के लेखा लिपिक ऊदल ङ्क्षसह उर्फ उजागर, प्रवक्ता राजेश्वर सिंह, संयुक्त निदेशक मान पाल सिंह, एसबीआइ सहपऊ के तत्कालीन प्रबंधक मुकेश माथुर, लिपिक विवेक अग्रवाल व अमर सिंह, पीएनबी सादाबाद के तत्कालीन प्रबंधक वीके सिंघल व शील कुमार, लिपिक राधेश्याम, उप निदेशक प्रशिक्षण सी सुब्रमण्यम और वादी श्रीनिवास की भी भूमिका सामने आई थी। इसमें से प्रेमपाल व शील कुमार की मृत्यु हो चुकी है। आरपीआइ टेक्निकल कालेज के प्रधानाचार्य श्यामवीर सिंह को सोमवार को जेल भेजा जा चुका है।

इनकी गिरफ्तारी को मांगी अनुमति : एसपी ने बताया कि श्रीनिवास द्विवेदी, विवेक अग्रवाल, अमर सिंह, सर्वेश शुक्ला, राधेश्याम व वीके सिंघल की गिरफ्तारी को शासन से अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है। रजनेश, राजेश्वर सिंह, मानपाल सिंह, उजागर सिंह, मनोज यादव के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। सी सुब्रमण्यम के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है।


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