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कानपुर देहात में दोस्त ने ही बृजेश की हत्या कर मांगी थी फिरौती, कुएं से निकाला गया शव

मुख्यमंत्री ने घटना का संज्ञान लेकर पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की मदद और पुलिस की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 07:35 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 07:35 AM (IST)
कानपुर देहात में दोस्त ने ही बृजेश की हत्या कर मांगी थी फिरौती, कुएं से निकाला गया शव
कानपुर देहात में दोस्त ने ही बृजेश की हत्या कर मांगी थी फिरौती, कुएं से निकाला गया शव

कानपुर देहात, जेएनएन। धर्मकांटा कर्मी बृजेश पाल का अपहरण और फिरौती की मांग उसके दोस्त ने ही की थी। नशीली कोल्ड ड्रिंक्स पिलाकर गला घोंटा, फिर शव को कुएं में फेंक दिया था। अपहरण के 13 दिन बाद मंगलवार को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद आरोपित ट्रक चालक सुबोध सचान को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक उसने दो ट्रक फाइनेंस कराए थे। कर्ज लौटाने के लिए उसने 20 लाख की फिरौती मांगी थी। रकम के लिए फोन भी उसने हत्या के बाद किया था। वहीं, पीडि़त पिता शिवनाथ सिंह ने कहा है कि पुलिस उन्हें झूठी दिलासा देती रही और बेटे का कत्ल हो गया।

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उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीडि़त स्वजन के प्रति गहरी संवेदना जताते हुए पांच लाख रुपये की सहायता देने का निर्देश दिया है। उन्होंने अपराधियों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने पर विचार करने के निर्देश दिए। साथ ही, पुलिस की जवाबदेही भी तय करने को कहा है। मामले की सुनवाई भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी, ताकि जल्द सजा मिल सके।

भोगनीपुर थाना क्षेत्र के गांव चौरा निवासी शिवनाथ पाल के 24 वर्षीय बेटे बृजेश पाल का भोगनीपुर चौराहा स्थित नेशनल धर्मकांटे से 15 जुलाई की देर रात अपहरण हुआ था। वह धर्मकांटे में ही काम करता था। अगले दिन बृजेश के ही मोबाइल फोन से 20 लाख की फिरौती मांगी गई। रकम चुकाने के लिए पांच दिन का वक्त मिला था। पुलिसिया तलाश का ढर्रा देखकर घरवाले मकान बेचकर फिरौती चुकाने को तैयार थे, लेकिन दोबारा फोन नहीं आया। यही नहीं, ज्यादा सवाल-जवाब करने पर पुलिस ने बृजेश के फुफेरे भाई को ऐसा पीटा कि हाथ की दो अंगुलियां ही टूट गईं। 13वें दिन खबर आई तो सबके होश फाख्ता हो गए।

एसपी अनुराग वत्स के मुताबिक शक के आधार पर पड़ोसी गांव कान्हाखेड़ा निवासी बृजेश के दोस्त सुबोध सचान को पकड़ा गया था। सुबोध ने दो ट्रक फाइनेंस करा रखे हैैं। करीब छह लाख रुपये उसे अभी चुकाने हैैं। इनमें से एक ट्रक सुबोध खुद चलाता था। धर्मकांटे पर आवाजाही के दौरान उसकी बृजेश से दोस्ती हो गई थी। कर्ज चुकाने के लिए उसने 15 जुलाई की रात मैसेज भेजकर बृजेश को बुलाया।

फिर, रात को ही नशीली कोल्ड ड्रिंक पिलाकर रस्सी से उसका गला घोंट दिया। शव को कार में रखकर अपने गांव के ही एक कुएं में फेंक आया था। उसकी निशानदेही पर दमकल की मदद से दो घंटे बाद शव निकाला जा सका। शव इतना गल चुका था कि पिता शिवनाथ बेटे की शिनाख्त नहीं कर सके। बड़े भाई राजेश पाल ने कपड़ों से उसे पहचाना।

एसपी के मुताबिक सुबोध ने अकेले ही हत्या की थी और मारने के बाद फिरौती मांगी थी। उसे मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके दाहिने पांव में गोली लगी है। नींद की गोली खिलाने के बावजूद बृजेश ने बचने की भरसक कोशिश की थी। संघर्ष के दौरान उसने सुबोध का हाथ भी चबा लिया था, बावजूद इसके वह बच नहीं सका।


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