असम भेजे गए थे लूटे हुए मोबाइल फोन, क्राइम ब्रांच की जांच में चौंकाने वाला खुलासा
कानपुर में क्राइम ब्रांच की टीम ने बर्रा पांच में गिरफ्तार नाबालिग लुटेरों की निशानदेही पर गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार करके सौ से ज्यादा लूटे हुए मोबाइल बरामद किए थे। लूटे हुए मोबाइल असम में आइएमईआइ नंबर बदलकर अन्य जगह भेजे जाते थे।
कानपुर, जागरण संवाददाता। बर्रा में झारखंड के लुटेरों का पर्दाफाश होने के बाद क्राइम ब्रांच ने बरामद मोबाइल फोनों के जरिये जांच आगे बढ़ाई तो कई और राज खुले। पता चला कि लुटेरे मोबाइल फोनों को बांग्लादेश और नेपाल के अलावा असम के बरपेटा भी भेजते थे। जहां आइएमईआइ नंबर बदलने का बड़ा हब है। वहां इनके आइएमईआइ नंबर बदलकर देश के अलग-अगल शहरों में इन्हें भेजा जाता था। क्राइम ब्रांच इन सभी मोबाइल फोन का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
बर्रा पांच में मंगलवार रात पकड़े गए नाबालिग लुटेरों की निशानदेही पर क्राइम ब्रांच ने झारखंड के साहिबगंज तीन पहाड़ बाबूपुर निवासी गौतम कुमार महतो और तालझाड़ी थाना क्षेत्र के करनपुर भिट्टी गांव निवासी मो. रेहान उर्फ राहुल को गिरफ्तार किया था। उनके पास से एक बैग में 102 मोबाइल फोन बरामद हुए थे। इनमें 30 मोबाइल फोन खुले होने से उनके आइएमईआइ नंबर मिल गए थे, लेकिन 72 मोबाइल फोन बंद थे। इस कारण उनके आइएमइआइ नंबर नहीं मिले।
पूर्व एडीसीपी ने बरपेटा के गिरोह को पकडऩे का किया था प्रयास : असम का बरपेटा क्राइम ब्रांच की सूची में पहले से ही है। यहां सिमकार्ड प्री-एक्टिवेट होते हैं और देश के अलग-अलग राज्य और शहरों में भेजे जाते हैं। ऐसे ही करीब 10 हजार सिम और गिरोह के कुछ सदस्यों के नाम प्रकाश में आने पर पूर्व एडीसीपी दीपक भूकर ने भी इस पर काम किया और दो टीमें भेजी थीं, लेकिन टीम उन्हें पकड़ नहीं सकी।