कानपुर में कोरोना से एक और की मौत, मेडिकल कालेज के प्रोफेसर समेत 635 नए संक्रमित मिले
रविवार को कानपुर में कोरोना से एक की मौत हो गई। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्रोफेसर समेत 635 में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं कोरोना को मात देकर 426 स्वस्थ हुए हैं। कोरोना वायरस की संक्रमण दर 10.27 प्रतिशत रही है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस का संक्रमण जिले में अपने चरम की तरफ बढ़ता जा रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) के डेडीकेटेड एल-थ्री कोविड हास्पिटल में भर्ती 70 वर्षीय बुजुर्ग संक्रमित ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके साथ ही कोरोना की तीसरी लहर के 23 दिन में कोरोना से सात लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार को जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्रोफेसर समेत 635 में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है। हालांकि राहत की बात यह है कि कोरोना को मात देकर 426 स्वस्थ हुए हैं, जिसमें से दो संक्रमित स्वस्थ होने पर कोविड हास्पिटल से डिस्चार्ज हुए, जबकि 424 होम आइसोलेशन पूरा करके स्वस्थ घोषित किए गए। जिले में अब कोरोना के सक्रिय केस बढ़कर 3,760 हो गए हैं।
सीएमओ कार्यालय से जारी रिपोर्ट में नए संक्रमित 635 मिलने की पुष्टि की गई है। हालांकि अभी उनकी रिपोर्ट में कोरोना से मौत का जिक्र नहीं है। जिले के इस्माइल पुरी के ऊरी मालीपुर निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग को कोरोना संक्रमित होने पर गुरुवार को कोविड हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। उन्हें कोरोना का संक्रमण होने के साथ ही आंतों में दिक्कत थी। उनकी स्थिति को देखते हुए कोविड आइसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था। इलाज के दौरान उन्होंने रविवार शाम दम तोड़ दिया। जिले में मार्च 2020 में कोरोना की दस्तक के बाद से अब तक 1912 संक्रमित दम तोड़ चुके हैं।
अब तक सात की हो चुकी मौत
कोरोना वायरस की चपेट में आकर एक जनवरी से अब तक सात संक्रमित दम तोड़ चुके हैं, उसमें से छह मौतें एलएलआर अस्पताल के डेडीकेटेड कोविड हास्पिटल में हुईं हैं, जबकि एक मौत लक्ष्मीपत ङ्क्षसहानिया हृदय रोग संस्थान में हुई है। इसी तरह एक संक्रमित ने निजी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
मेडिकल कालेज में बढ़ रहे संक्रमित
जीएसवीएम मेडिकल कालेज में संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक 145 से अधिक में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। उसमें 45 से अधिक फैकल्टी एवं सीनियर रेजीडेंट हैं, जबकि 100 जूनियर रेजीडेंट, मेडिकल छात्र-छात्राएं और कर्मचारी शामिल हैं।