मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत आधा दर्जन बैंकों ने अभी तक एक भी लाभार्थी को नहीं दिया लोन
आधा दर्जन बैंकों ने अभी तक एक भी लाभार्थी को ऋण वितरित नहीं किया। बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक ऑफ इंडिया यूनियन बैंक ने लक्ष्य से ज्यादा ऋण दिए। यूको बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक इंडियन बैंक बैंक आफ महाराष्ट्र आइडीबीआइ ने एक भी ऋण वितरित नहीं किया है।
कानपुर, जेएनएन। जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए मुख्यमंत्री के इस प्रोजेक्ट पर बहुत ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जहां पंजाब नेशनल बैंक समेत आधा दर्जन बैंकों ने अभी तक एक भी लाभार्थी को ऋण नहीं दिया गया है, वहीं भारतीय स्टेट बैंक ने नौ माह में लक्ष्य का 10 फीसद ही हासिल किया है। इस मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ने लक्ष्य से ज्यादा लाभार्थियों को ऋण वितरित किया जिसकी वजह से जिले का प्रदर्शन संतोषजनक दिख रहा है।
वित्तीय वर्ष का चल रहा 10वां माह
वित्तीय वर्ष 2020-21 में कानपुर में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत 110 लाभार्थियों को ऋण दिया जाना है। वित्तीय वर्ष का के नौ माह पूरे हो गए हैं और 10वां माह चल रहा है। इस लक्ष्य को पूरा करने की जिम्मेदारी 14 बैंकों को दी गई। इन 110 में अब तक 47 लाभार्थियों को ही ऋण दिया गया है। सबसे बड़े बैंक होने की वजह से स्टेट बैंक को सबसे ज्यादा 20 लाभार्थियों का लक्ष्य दिया गया था लेकिन स्टेट बैंक अब तक मात्र दो लोगों को ही ऋण दे सका है। दूसरे सबसे बड़ा बैंक होने की वजह से दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य पंजाब नेशनल बैंक को दिया गया। पीएनबी को 14 लाभार्थियों को इस योजना में ऋण देना था लेकिन अभी उसका खाता ही नहीं खुला है। सिर्फ पीएनबी के साथ ही ऐसा नहीं है। यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक, बैंक आफ महाराष्ट्र, आइडीबीआइ ने एक भी लाभार्थी को ऋण वितरित नहीं किया है।
14 में से तीन बैंक पीएनबी ने 13 के लक्ष्य के मुकाबले 17, बैंक ऑफ इंडिया ने सात के मुकाबले में आठ और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने आठ के मुकाबले 12 लाभार्थियों को ऋण वितरित कर दिया है। कुल 47 वितरण में से 37 ऋण तो इन तीन बैंकों ने ही वितरित कर दिए हैं।
इनका ये है कहना
लक्ष्य पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 62 की स्वीकृित में 47 वितरण है। बाकी भी जल्दी वितरण होगा। जो लंबित आवेदन हैं, उन पर कार्य किया जा रहा है। - एके वर्मा, अग्रणी जिला प्रबंधक