प्रदूषण के हाई रिस्क पर कानपुर की 19 जगह, खतरनाक स्तर पर हानिकारक गैसें और धूल
कानपुर में आइआइटी नगर निगम और उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण के हाई रिस्क वाले हाट स्पाट चिह्नित किए हैं। कल्याणपुर से रामादेवी और जरीब चौकी से घंटाघर रोड पर सबसे अधिक धूल व हानिकारक गैसें मिली हैं।
कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। वायु प्रदूषण के हाई रिस्क (बेहद जोखिम) पर शहर के 19 स्थान हैं। यहां धूल, गर्द और हानिकारक गैसें खतरनाक स्तर पर हैं। आइआइटी कानपुर, नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाट स्पाट चिह्नित किए हैं। इन स्थानों का वायु गुणवत्ता सूचकांक अत्यधिक खराब मिला है। आइआइटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विशेषज्ञों ने मानीटरिंग स्टेशन और एयर सैंपलर की मदद से वायु की गुणवत्ता की जांच की, जिसके बाद हाट स्पाट निर्धारित किए गए। यहां हवा की गुणवत्ता सही करने की कवायद चल रही है। संबंधित विभागों को भी निर्देश जारी किए गए हैं। वायु प्रदूषण के स्रोत निर्माण स्थल, सड़क किनारे उडऩे वाली धूल और औद्योगिक क्षेत्रों और वाहनों के इंजन से निकलने वाला धुआं प्रमुख हैं। कानपुर में सर्वाधिक समस्या धूल व जाम की वजह से वाहनों के इंजन से निकलने वाला धुआं है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डा. एके माथुर ने बताया कि एनजीटी के आदेशों पर वायु प्रदूषण को कम करने की तैयारी चल रही है। विभागों को निर्देश जारी हुए हैं।
शहर के हाट स्पाट
निर्माण स्थल : कोयला नगर से चकेरी क्षेत्र तक निर्माण कार्यों की वजह से गर्द का गुबार ज्यादा उड़ रहा है।
सड़क की धूल : जीटी रोड से कल्याणपुर, कल्याणपुर से पनकी रोड और जरीब चौकी से घंटाघर रोड पर सर्वाधिक धूल उड़ती है।
औद्योगिक : दादा नगर और जाजमऊ क्षेत्र।
वाहनों से निकलने वाला धुआं : रावतपुर रेलवे स्टेशन, घंटाघर चौराहा, अफीम कोठी चौराहा, विजय नगर चौराहा, किदवई नगर, गोङ्क्षवद नगर चौराहा, सीटीआइ चौराहा, दादा नगर चौराहा, रामादेवी चौराहा, श्याम नगर चौराहा, यशोदा नगर चौराहा, बर्रा बाइपास, गुजैनी चौराहा।
इन विभागों को जारी हुए निर्देश : जिला प्रशासन, नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, केडीए, मेट्रो, पनकी थर्मल पावर प्लांट, आरटीओ, कृषि, शिक्षा, खाद्य एवं आपूर्ति, राजस्व, स्वास्थ्य, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पीडब्ल्यूडी, खनन, बिजली, अग्निशमन।