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कामिका एकादशी पर बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा, जानें-इसका महत्व, मुहूर्त और मिलने वाला पुण्य

श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को होती है कामिका एकादशी पूजन से मिलती है पापों से मुक्ति।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 02:37 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 09:02 AM (IST)
कामिका एकादशी पर बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा, जानें-इसका महत्व, मुहूर्त और मिलने वाला पुण्य
कामिका एकादशी पर बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा, जानें-इसका महत्व, मुहूर्त और मिलने वाला पुण्य

कानपुर, जेएनएन। वर्ष में पडऩे वाली 24 एकादशी की सर्वोत्तम एकादशी को कामिका एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन श्रीहरि भगवान विष्णु का पूजन करने से समस्त इच्छाओं की पूॢत होती है। इस दिन व्रत, पूजा और दान के शुभ प्रभाव से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है। कामिका एकादशी श्रावण (सावन) महीने के कृष्णपक्ष में आती है। 16 जुलाई दिन गुरुवार भगवान विष्णु के लिए समॢपत दिन यह पावन तिथि पड़ रही है। अखंड पुण्य के लिए भक्त भगवान विष्णु की पूजा की साथ ही माता लक्ष्मी, भगवान गणेश तथा महादेव की भी पूजा करने से सुख-समृद्धि और पाप से मुक्ति मिलती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी व पवित्रा एकादशी भी कहते हैं।

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कामिका एकादशी का महत्व

धूनी ध्यान केंद्र के आचार्य अमरेश मिश्र के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिठरि को इस पावन एकादशी का महत्व बताया था। कामिका एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ कराने के बराबर पुण्य मिलता है। भगवान विष्णु की कृपा देने वाला यह व्रत मोक्ष की प्राप्ति कराता है।

कामिका एकादशी व्रत एवं पूजा विधि

आचार्य के मुताबिक कामिका एकादशी के दिन प्रात:काल में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान श्रीहरि विष्णु का ध्यान करके कामिका एकादशी व्रत एवं पूजा का संकल्प लें। प्रभु के समक्ष अक्ष, चंदन, पीले पुष्प, केले, घी, गुड़, मक्खन-मिश्री का भोग लगाएं, तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं। ओम नमो भगवते वासुदेवाय... मंत्र का जाप करने से मन शांत व एकाग्र रहता है। श्रीहरि प्रभु के साथ माता लक्ष्मी व भगवान शिव की भी पूजा अवश्य करें। महंत या घर के बड़े से व्रत की कथा सुनकर भगवान श्रीहरि की आरती करें। अगले दिन पारण से पूर्व भगवान को अॢपत वस्तुएं ब्राह्मण को दान कर व्रत को पूर्ण करें

व्रत की कथा सुनने से मिलता यज्ञ के समान फल

आचार्य ने बताया कि कामिका एकादशी व्रत की कथा सुनने ने यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले ये व्रत कथा ब्रह्मा जी ने देवॢष नारद को सुनाई थी कि इस व्रत को पूर्ण करने से समस्त पापों का नाश होता है। श्रावण मास में कामिका एकादशी का आना अद्भुत विशेष संयोग है। भगवान भोले नाथ के साथ श्रीहरि का पूजन विशेष फलदायी और मनोकामना पूर्ण करेगा।

कामिका एकादशी का मुहूर्त

श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सुबह से ही व्रत शुरू होगा। पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम चार बजे से लेकर सात बजे तक रहेगा। व्रत रखने से विद्याॢथयों को विद्या, व्यापारियों को लक्ष्मी, कन्याओं को वर और स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होगी। 


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