Move to Jagran APP

आखिरकार कानपुर पुलिस ने प्रिंसराज को भेजा सलाखों के पीछे, थाने में हंगामे के दौरान आया था चर्चा में

कानपुर में काकादेव थाना क्षेत्र के बाहर विहिप और बजरंग दल का पदाधिकारी बताकर रौब गांठने वाले वाले प्रिंसराज श्रीवास्तव को पुलिस ने उठाया तो उसके साथियों ने आरोपित को छोड़ने की मांग करते हुए काकादेव थाने के बाहर जमकर हंगामा किया था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 03:56 PM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 03:56 PM (IST)
आखिरकार कानपुर पुलिस ने प्रिंसराज को भेजा सलाखों के पीछे, थाने में हंगामे के दौरान आया था चर्चा में
कानपुर में काकादेव पुलिस ने प्रिंस राज को जेल भेज दिया है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। नाक का सवाल बन चुके प्रिंसराज श्रीवास्तव को जेल भेजने में आखिर कमिश्नरेट पुलिस सफल रही। बुधवार को अदालत से रिमांड वापसी की घटना से बैकफुट पर गई पुलिस ने गुरुवार को अदालत में पेश करने से पहले प्रिंसराज श्रीवास्तव और उसके समर्थकों पर एक और मुकदमा दर्ज कर दिया।

loksabha election banner

सोमवार की रात काकादेव थाने के बाहर हुए हंगामे और जाम के मामले में पुलिस ने बलवा, आपराधिक कानून संशोधन 1932 (7) (सेवन सीएलए) जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया, जोकि उसके जेल जाने का मुख्य आधार बना। हालांकि इससे पहले पुलिस ने पूर्व के मुकदमे में भी आइटी एक्ट और फोटो वीडियो वायरल करने की धाराओं को बढ़ा दिया था।

खुद को विहिप और बजरंग दल का पदाधिकारी बताकर रौब गांठने वाले वाले प्रिंसराज श्रीवास्तव का प्रकरण पिछले कई दिनों से चर्चा में है। काकादेव निवासी एक युवती ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाए थे कि पनकी निवासी उसकी सहेली और राणा प्रताप नगर निवासी उसके प्रेमी प्रिंसराज श्रीवास्तव ने उसे नशीला पदार्थ पिलाने के बाद उसका अश्लील वीडियो बनाया था।

इसके बाद से उसकी सहेली के साथ मिलकर प्रिंसराज श्रीवास्तव रुपये की मांग कर रहा था। इन्कार करने पर आरोपित वीडियो वायरल करने की धमकी दे रहे थे। धमकियों से परेशान होकर पीड़िता ने काकादेव थाने में आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की धारा 323, 504, 385, 328 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में प्रिंसराज को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया तो उसके 40-50 समर्थकों के साथ काकादेव थाने पहुंची उसकी प्रेमिका ने जमकर हंगामा किया था। थाने के बाहर जाम भी लगा दिया था।

पुलिस ने इस प्रकरण में मंगलवार को प्रिंसराज की प्रेमिका को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पीड़िता के बयान दर्ज कराने के बाद बुधवार को जब प्रिंसराज को अदालत में पेश किया गया तो उसके वकीलों की फौज के आगे पुलिस की दलीलें और साक्ष्य कमजोर पड़ गए। पुलिस ने जब देखा कि एमएम-2 कोर्ट रिमांड खारिज कर सकती है तो पुलिस प्रिंस को वापस थाने ले गई थी, लेकिन तब तक वह पुलिस के लिए नाक का सवाल बन चुका था।

गुरुवार को प्रिंसराज को दोबारा अदालत में पेश किया गया, लेकिन इस बार पुलिस ने पहले से ही पूरी ठोस तैयारी कर रखी थी। पुराने मामले में पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में आइटी एक्ट और वीडियो फोटो वायरल करने की धाराएं बढ़ा दीं। साथ ही अन्य धाराओं के साक्ष्य भी अदालत के सामने पेश किए।

इससे पहले काकादेव थाने के दारोगा अनिल कुमार पांडेय की तहरीर पर पुलिस ने प्रिंसराज श्रीवास्तव उर्फ प्रिंस लाला और उसके 50-60 अज्ञात समर्थकों के खिलाफ बलवा, किसी व्यक्ति को विधि अनुसार पकड़ने में बाधा डालना, लोक सेवक को डियूटी करते वक्त डराकर, धमकाकर जान बूझकर गंभीर चोट पहुंचाना, सेवन क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था। इन गंभीर धाराओं के प्रयोग के बाद प्रिंसराज के जेल जाने का रास्ता साफ हो गया।

प्रिंसराज श्रीवास्तव और उसके समर्थकों के खिलाफ थाने के बाहर हंगामा और जाम लगाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। पूर्व के मुकदमे में भी उसके खिलाफ धाराएं बढ़ाई गई हैं। अदालत ने सुनवाई के बाद उसे जेल भेज दिया। पुलिस का मत साफ है कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा जो कानून का मखौल उड़ाएगा।- आनंद प्रकाश तिवारी, संयुक्त पुलिस आयुक्त

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.