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GSVM Kanpur: जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से टले आपरेशन, घायल की चली गई जान

कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कालेज में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से एलएलआर अस्पताल में ओपीडी से लेकर ऑपरेशन तक प्रभावित हैं। स्वजन का आरोप है कि समय से आपरेशन ने होने की वजह से घायल की जान चली गई।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 09:55 AM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 09:55 AM (IST)
GSVM Kanpur: जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से टले आपरेशन, घायल की चली गई जान
हड़ताल से ओपीडी और ऑपरेशन सेवाएं प्रभावित हैं।

कानपुर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातकोत्तर (नीट पीजी) की काउंसलिंग में विलंब के विरोध में जूनियर रेजीडेंट (जेआर) की हड़ताल के समर्थन में शुक्रवार से जेआर-थ्री भी आ गए। ऐसे में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर (हैलट) एवं संबद्ध अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित हुईं, जबकि रुटीन के आपरेशन भी टालने पड़े। हमीरपुर निवासी घायल राजमिस्त्री गुरुवार शाम रेफर होकर आया था, जिसका समय से आपरेशन न होने से मौत हो गई। स्वजन का आरोप था कि अगर समय से आपरेशन हो जाता तो जान बच सकती थी। वहीं, कंसलटेंट ओपीडी में मरीजों के इलाज जुटे रहे।

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एलएलआर इमरजेंसी में शुक्रवार सुबह से जेआर का जमावड़ा होने लगा था। कुछ जेआर ने ओपीडी पंजीकरण काउंटर बंद करा दिया। ओपीडी में सन्नाटा होने पर एलएलआर के प्रमुख अधीक्षक को अवगत कराया गया। उनके हस्तक्षेप पर आधा घंटे बाद दोबारा काउंटर खोला गया। इमरजेंसी के बाहर धरने पर बैठे कुछ जेआर नारेबाजी करने लगे तो जेआर-थ्री ने उन्हें शांत कराया। इमरजेंसी में सेवाएं बहाल रहीं। सीनियर रेजीडेंट इमरजेंसी और आइसीयू में इलाज की कमान संभाले रहे।

हमीरपुर के ललपुरा थाना क्षेत्र के मोरा कांदर परसनी गांव निवासी 45 वर्षीय मुन्ना राजमिस्त्री थे। भाई लियाकत ने बताया कि गुरुवार सुबह काम से गए थे, जहां विवाद के बाद कुछ लोगों ने उनकी पिटाई कर दी थी। उसके पेट व सीने में गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने हमीरपुर जिला अस्पताल भेजा, जहां से एलएलआर रेफर कर दिया। गुरुवार शाम सात बजे उसे भर्ती कराया। आइसीयू में वेंटिलेटर पर थे। स्वजन का आरोप है कि डाक्टरों ने रात में आपरेशन नहीं किया। सुबह एक्सरे व सीटी स्कैन जांच को गए तो हड़ताल बताकर लौटा दिया गया। समय से इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गई।

आपरेशन से कराए गए प्रसव : जीएसवीएम के अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज ज'चा-ब'चा अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में सीनियर रेजीडेंट सीजेरियन प्रसव कराती रहीं। तीन बजे तक 15 सीजेरियन प्रसव हो चुके थे। सीएमएस डा. रीता गुप्ता ने बताया कि शाम और रात की शिफ्ट में अतिरिक्त नर्सिंग स्टाफ की तैनाती की गई है। विभाग की फैकल्टी को सुबह और शाम को राउंड लेने के लिए कहा गया है।

यहां नहीं हुए आपरेशन : जनरल सर्जरी विभाग, आर्थोपेडिक विभाग, न्यूरो सर्जरी विभाग, नेत्र रोग विभाग, नाक कान गला विभाग में रुटीन के सभी आपरेशन टाल दिए गए। इसकी वजह एनस्थीसिया विभाग के जेआर-टू और जेआर-थ्री का नहीं आना रहा। सिर्फ इमरजेंसी में अति गंभीर मरीजों की सर्जरी ही हो सकी।

-इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह से बहाल हैं। ओपीडी का जेआर ने बहिष्कार किया है। कंसलटेंट के साथ सीनियर रेजीडेंट, नान पीजी जूनियर रेजीडेंट और इंटर्न छात्र छात्राएं ओपीडी व इनडोर की व्यवस्था संभाले हुए हैं। इमरजेंसी में सिर्फ गंभीर मरीजों का ही इलाज किया जा रहा है। अतिरिक्त नर्सिंग स्टाफ की तैनाती भी की गई है। इलाज के अभाव में किसी की मौत की जानकारी नहीं है। -प्रो. आरके मौर्या, प्रमुख अधीक्षक एलएलआर अस्पताल


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