'संघर्षो से ही निकलती सफलता की राह'
पीएसआइटी में आयोजित हुए जोश टॉक्स कार्यक्रम में कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी, नवजोत कौर सिद्धू व नवनीत सिकेरा, पापा सीजे आदि ने जीवन के अनुभव साझा किए।
जागरण संवाददाता, कानपुर : पीएसआइटी में शनिवार को जोश टॉक्स का आयोजन किया गया। समाज के अलग अलग क्षेत्रों में सफलता का परचम लहरा चुके लोगों ने अपने जीवन के अनुभवों को छात्र छात्राओं के साथ साझा किया। सभागार में उपस्थित दर्शकों ने इन सफल और कीर्तिमान स्थापित कर चुके लोगों से प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया। सभी सेलीब्रेटी ने युवाओं को करीब-करीब यही संदेश दिया कि संघर्ष से वे कतई न घबराएं। क्योंकि संघर्षो से ही सफलता के रास्ते मिलते हैं। इस दौरान असीम त्रिवेदी, पीयूष मीना, नवनीत सिकेरा, नवजोत कौर सिद्घू, आर जे राघव, पापा सीजे, सिमरन सिंह, सची सिंह, श्रुति एंड गोरे बाटला, विनोद पंजाबी, दिलप्रीत कौर आदि ने अपने जीवन के अनुभवों से लोगों को प्रेरणा दी। कार्यक्रम में संस्थान के चेयरमैन प्रणवीर सिंह, वाईस चेयरपर्सन निर्मला सिंह, एमडी शेफाली राज, नीती प्रकाश, प्रणव कुमार आदि उपस्थित रहे।
माता-पिता ने पूरा कराया सपना : नवजोत कौर सिद्घू
रेसलिंग में गोल्ड मेडल विजेता नवजोत कौर सिद्घू ने बताया कि 14 साल पहले 2004 में लड़कियों का निकलना बहुत बड़ी बात थी। किंतु मेरे माता पिता ने मेरा सपना पूरा करने में पूरा साथ दिया। आज मैं जो भी हूं, उन्हीं की बदौलत हूं।
हंसने से कोई बीमारी नहीं होती : पापा सी जे
स्टैंडअप कॉमेडियन पापा सीजे ने स्टेज पर आकर लोगों को खूब हंसाया। उन्होंने कहा जब हंसने से कोई बीमारी नहीं होती,तो क्यों न लोगों को हंसाया जाए। वर्ष 2004 में स्काटलैंड एक कार्यक्रम में गया वहां एक कॉमेडियन को देखा तो लगा कि यह तो अच्छा काम टेंशन फ्री होकर कमाई कर सकते हैं। वहां से प्रेरणा मिली और आज मैं यहां पर हूं।
बस जुनून होना चाहिए : नवनीत सिकेरा
आइपीएस अधिकारी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट नवनीत सिकेरा जो कि उत्तर प्रदेश वूमेन पावर हेल्पलाइन के प्रभारी हैं। उन्होंने कहा कि टैलेंट नाम की कोई चीज नहीं होती है तो बस चाहिए तो जोश और जुनून। आप किसी चीज को पाने के लिए पूरे जोश और जुनून के साथ लग जाओ फिर जो हासिल होगा वही टैलेंट बन जाएगा।
सुनो अपने मन की बात : असीम त्रिवेदी
अपने राजनीतिक व्यंग्य के लिए प्रसिद्घ असीम त्रिवेदी जो अपने फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन के अभियानों के लिए जाने जाते हैं। असीम ने कहा अपने मन की बात सुनना चाहिए। उस पर अमल करें किसी पुराने ढर्रे को पकड़कर आगे नहीं चलना चाहिए।