सॉल्वर को बिठाकर एसएससी भर्ती परीक्षा पास करने वाला हत्थे चढ़े, पांच लाख में हुआ था सौदा
बिहार के रहने वाले आरोपित युवक को शारीरिक परीक्षा के दौरान आइटीबीपी महाराजपुर में दबोच लिया गया। एसएससी की लिखित परीक्षा में सॉल्वर को बिठाकर फर्जीवाड़ा किया था। शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी का फर्जीवाड़ा पकड़ लिया गया।
कानपुर, जेएनएन। संवाद सहयोगी, महाराजपुर : महाराजपुर स्थित आइटीबीपी सेंटर में एसएससी द्वारा आयोजित उपनिरीक्षक व सहायक उपनिरीक्षक भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल होने आए एक अभ्यर्थी को जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित ने लिखित परीक्षा में अपनी जगह सॉल्वर को बैठाकर परीक्षा पास की थी। शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी का फर्जीवाड़ा पकड़ लिया गया। आरोपित के खिलाफ महाराजपुर थाने में मुकदमा दर्ज करा गिरफ्तार कर लिया गया।
कर्मचारी चयन आयोग ( एसएससी) द्वारा दिल्ली पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में उपनिरीक्षक व केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में सहायक उपनिरीक्षक के पदों के लिए भर्ती आयोजित की जा रही है। इसके तहत 32वीं वाहिनी आइटीबीपी सेंटर महाराजपुर में सोमवार को शारीरिक दक्षता परीक्षा चल रही थी। पिछले दिनों लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को ही इसमें शामिल होना था। 32वीं वाहिनी आइटीबीपी महाराजपुर के सेनानी अनिल ङ्क्षसह बिष्ट ने बताया कि बिहार जमुई के लक्ष्मीपुर बेला गौरा निवासी ब्रह्मदेव टांटी के बेटे निवास कुमार की फोटो का मिलान एसएससी द्वारा जारी प्रवेश पत्र में चस्पा फोटो से नहीं हुआ।
बायोमीट्रिक में निवास कुमार व पूर्व में आयोजित लिखित परीक्षा में शामिल हो चुके अभ्यर्थी के ङ्क्षफगर ङ्क्षप्रट के निशान भी अलग-अलग थे। आधार नंबर व ड्राइङ्क्षवग लाइसेंस में भी भिन्नता पाई गई। सेनानी अनिल सिंह बिष्ट ने बताया कि अपने को फंसता देख निवास कुमार ने स्वीकार किया कि पूर्व में आयोजित लिखित परीक्षा में उसके स्थान पर दूसरा व्यक्ति शामिल हुआ था। आइटीबीपी के जवानों द्वारा आरोपित को हिरासत में लेकर महाराजपुर थाने लाया गया। महाराजपुर थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि आइटीबीपी के सेनानी अनिल ङ्क्षसह बिष्ट की तहरीर पर आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है।
पांच लाख में हुआ था सौदा
पुलिस सुत्रों की मानें तो एसएससी भर्ती में फर्जीवाड़े के आरोपित निवास कुमार ने लिखित परीक्षा पास कराने के लिए सॉल्वर को पांच लाख दिए थे। सॉल्वर ने सभी की आंखों में धूल झोंककर मूल अभ्यर्थी की जगह लिखित परीक्षा दी और अभ्यर्थी को उत्तीर्ण भी कराया। यदि शारीरिक दक्षता परीक्षा में मामला पकड़ में न आता तो लगभग अभ्यर्थी का चयन सुनिश्चित था।
पहले भी हो चुका है फर्जीवाड़ा
महाराजपुर स्थित 32वीं वाहिनी आइटीबीपी सेंटर में कई साल पहले भी मेडिकल भर्ती परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। इसमें लगभग एक दर्जन अभ्यर्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। आइटीबीपी महाराजपुर में तैनात मेडिकल ऑफीसर को भी फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।