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आइटीबीपी में भर्ती के दौरान चार साल पहले भी हुआ था बड़ा फर्जीवाड़ा, कानपुर के सीमवार्ती जिले से थे आरोपित

आइटीबीपी के मेडिकल ऑफीसर अभ्यर्थियों से रिश्वत लेने के आरोप में गए थे जेल। फर्जीवाड़े के आरोप में दस अभ्यर्थियों पर दर्ज हुआ था मुकदमा। सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।आरोपित मथुरामैनपुरीअलीगढ़ एटाआगराफिरोजाबाद जनपदों के थे।

By ShaswatgEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 07:42 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 07:42 PM (IST)
आइटीबीपी में भर्ती के दौरान चार साल पहले भी हुआ था बड़ा फर्जीवाड़ा, कानपुर के सीमवार्ती जिले से थे आरोपित
दूसरे मामले में दस अभ्यर्थी मेडिकल के दौरान धोखाधड़ी करते पकड़े गए थे।

कानपुर, जेएनएन। एक सप्ताह पहले महाराजपुर स्थित 32वीं वाहिनी आइटीबीपी सेंटर में एसएससी भर्ती के दौरान फर्जीवाड़े के मामले से चार साल पहले भी आइटीबीपी की भर्ती के दौरान भ्रष्टाचार व जालसाजी का बड़ा मामला सामने आया था। आइटीबीपी में चल रही भर्ती के दौरान मेडिकल फिट कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से रिश्वत लेने के आरोप में 32वीं वाहिनी में तैनात मेडिकल अधिकारी ,उसके भाई व साथी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ था। वहीं दूसरे मामले में दस अभ्यर्थी मेडिकल के दौरान धोखाधड़ी करते पकड़े गए थे। 

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चार साल पहले भी सामने आया था ऐसा ही मामला 

  महाराजपुर स्थित 32वीं वाहिनी आइटीबीपी सेंटर में बीती 23 नवंबर को एसएससी भर्ती परीक्षा के दौरान बिहार जमूई निवासी निवास कुमार को शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस घटना से चार साल पहले भी यहीं पर आइटीबीपी की भर्ती के दौरान 11 मई 2016 को मेडिकल परीक्षा के दौरान दस  अभ्यर्थियों को पकड़ा गया था। जांच में सामने आया था कि आरोपितों ने कागजों में हेरफेर करके लिखित परीक्षा खुद न देकर साल्वरों से दिलाई थी। वाहिनी के तत्कालीन सहायक सेनानी दिग्विजय ङ्क्षसह की तहरीर पर पकड़े गए सभी दस अभ्यर्थियों के खिलाफ महाराजपुर में जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया गया था। सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। आरोपित मथुरा,मैनपुरी,अलीगढ़, एटा,आगरा,फिरोजाबाद जनपदों के थे।

लाखों की रकम खातों में जमा कराता था डॉक्टर 

आइटीबीपी भर्ती के दौरान मेडिकल परीक्षा पास कराने के नाम पर वाहिनी में तैनात डॉक्टर व भर्ती मेडिकल अधिकारी डॉ सुरेंद्र ङ्क्षसह अभ्यर्थियों से रिश्वत लेता था। सुरेंद्र ङ्क्षसह बिशनियां ,सीकर ,राजस्थान का रहने वाला था। आरोपित डॉक्टर अभ्यर्थियों से लाखों की रकम बैंक खातों में जमा कराता था। भर्ती के दौरान अभ्यर्थियों को फंसाने का काम 

डाक्टर सुरेंद्र ङ्क्षसह का भाई जीतेन्द्र गोदारा व सीकर राजस्थान निवासी साथी रामनिवास करता था। कानपुर की एसटीएफ ने पूरे मामले का पर्दाफाश किया था। एसटीएफ फील्ड यूनिट इकाई कानपुर नगर के इंस्पेक्टर सुशील कुमार ङ्क्षसह ने तीनों आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार व सूचना प्रद्योगिकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। 


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