Chandrayaan 2 : इसरो वैज्ञानिक ने कहा-ऑर्बिटर से मिल रहा पर्याप्त डाटा, जल्द छुएंगे चांद की सतह
फतेहपुर के रहने वाले वैज्ञानिक सुमित कुमार बोले कहां से सिग्नल मिलना बंद हुए पता कर रहा इसरो।
फतेहपुर, जेएनएन। चंद्रयान-2 मिशन की आंशिक सफलता ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ा दिया है। इसके साथ ही अब जल्द ही चांद की सतह को छूने के लिए पूरी शिद्दत से जुट गए हैं। हालांकि सॉफ्ट लैंडिंग से थोड़ी दूर पहले कहां से और क्यों सिग्नल मिलने बंद हुए, इसका पता जल्द ही चल जाएगा। आर्बिटर में लगे पेलोड (वैज्ञानिक उपकरण) चंद्रमा के बारे में जानकारी भेज रहे हैं, जिससे पता लगाया जा रहा है कि रोवर कहां और किन परिस्थितियों में है।
पहले जैसा चल रहा मिशन
चंद्रयान-2 मिशन से जुड़े नगर के विजय नगर निवासी वैज्ञानिक सुमित कुमार ने दूरभाष पर जागरण से हुई बातचीत में बताया कि हमारा मिशन पहले जैसे ही चल रहा है। एक हिस्से में खराबी आई है। चंद्रमा पर जिन चीजों की खोज के लिए आर्बिटर व रोवर भेजे गए थे, वह काम आगे भी जारी रहेगा। बताया कि सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान हॉरिजेंटल वेलोसिटी को हमें शून्य करना था, वह लगातार कम किया जा रहा था। इसी दौरान चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किमी. पहले रोवर से संपर्क टूट गया। हमार रोवर चंद्रमा पर कहां है, किन परिस्थितियों में है, इसका पता आर्बिटर के माध्यम से लगाया जा रहा है। अध्ययन के लिए पर्याप्त डाटा मिल रहा है। हम जल्द ही चांद पर उतरकर उसकी सतह को छूकर अध्ययन करेंगे।
पीएम के पहुंचने से बढ़ा वैज्ञानिकों का मनोबल
सुमित ने कहा कि शुक्रवार का दिन इसरो ही नहीं भारत देश के लिए ऐतिहासिक रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहुंच कर जो उत्साह बढ़ाया उससे वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ा है। कहा, इस मिशन में देशवासियों का भरपूर प्यार व सहयोग मिला है। जिस तरह बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग रात दो बजे तक टीवी पर निगाहें लगाए रहे उससे वैज्ञानिकों का उत्साह बढ़ा है। इसरो देश की जनता को निराश नहीं होने देगा। हमें खुशी इस बात की है कि जनता को हमारी मेहनत व प्रयास पर पूरा भरोसा है।
माटी के लाल पर सभी को गर्व
फतेहपुर के खागा कस्बे में पले-बढ़े सुुमित आज देश के सबसे बड़े अभियान का हिस्सा हैं। जिले के लोग माटी के लाल पर गर्व महसूस कर रहे हैं। उनके पिता अर्जुन ङ्क्षसह मां लक्ष्मी शुक्रवार की रात तीन बजे तक टीवी पर निगाहें लगाए रहीं। उनका कहना है कि हमें गर्व है कि हमारा बेटा चांद पर पहुंचने के मिशन में जी-जान से जुटा है।