CAA हिंसा हो या बिकरू कांड कानपुर में हर मोर्चे पर आगे रहे IG मोहित अग्रवाल, अब लखनऊ में देंगे सेवाएं
IG Mohit Agarwal Story वरिष्ठ आइपीएस मोहित अग्रवाल की कानपुर रेंज में तैनाती चार जुलाई 2019 को हुई थी। करीब सवा दो साल के लंबे कार्यकाल में उन्होंने कई बार पुलिस के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाई। बिकरू के अभियुक्तों के साथ हुई पहली मुठभेड़ में आइजी खुद शामिल रहे।
कानपुर, जागरण संवाददाता। IG Mohit Agarwal Story आइजी मोहित अग्रवाल की कानपुर रेंज में तैनाती के काल को लंबे समय तक याद किया जाएगा। उनके ही कार्यकाल में बिकरू कांड जैसी घटना हुई तो फर्रुखाबाद में दो दर्जन से ज्यादा बच्चों को उन्हीं के साहस से अपहरणकर्ता के चंगुल से मुक्त कराया गया था। एक तरह से जब भी पुलिस संकट में घिरी तो उन्होंने खुद मोर्चा संभाला और जीत हासिल की।
वरिष्ठ आइपीएस मोहित अग्रवाल की कानपुर रेंज में तैनाती चार जुलाई 2019 को हुई थी। करीब सवा दो साल के लंबे कार्यकाल में उन्होंने कई बार पुलिस के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाई। बिकरू कांड के बाद हुए अभियुक्तों के साथ हुई पुलिस की पहली मुठभेड़ में आइजी खुद शामिल रहे और दो बदमाशों को ढेर कर दिया। उन्हीं की निगरानी में कुख्यात विकास दुबे का किला नुमा घर पुलिस ने ढहा दिया था। पूरे प्रकरण में पुलिस पर जब जब सवाल उठे, तब आइजी ने आगे आकर बचाव किया। नागरिकता संशोधन कानून के दौरान हुए विवाद में भी वह तत्कालीन एडीजी प्रेम प्रकाश के साथ सक्रिय रहे। उनके कार्यकाल में दूसरी बड़ी घटना फर्रुखाबाद में हुई, जब एक सिरफिरे ने जन्मदिन की पार्टी के बहाने पत्नी की मदद से गांव के दो दर्जन बच्चों को बंधक बना लिया। आइजी सूचना मिलते ही फर्रुखाबाद पहुंचे और बच्चों को मुक्त कराया। इस घटना में अपहरणकर्ता पुलिस के हाथों मारा गया, जबकि उसकी पत्नी को गांव वालों ने पीट पीटकर मार डाला था। दंपती की बेटी की मोहित अग्रवाल अब तक देखभाल कर रहे हैं। अपराधियों और माफिया के खिलाफ भी उन्होंने रेंज में अभियान चलाया। औरैया में सपा के पूर्व एमएलसी कमलेश पाठक के अपराध साम्राज्य को उन्होंने जड़ से उखाड़ फेंका और अब तक अपराधियों व माफिया के करोड़ों की संपत्ति जब्त कराई।
इनकी भी सुनिए:
कानपुर का कार्यकाल मेरे लिए यादगार रहा। मंडल के सभी जिलों से सहयोग मिला, जिसकी बदौलत हर चुनौती का सामना किया। बिकरू कांड पुलिस के लिए काला अध्याय है, लेकिन आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के माध्यम से दूसरे अपराधियों को संदेश देने का भी काम किया गया। - मोहित अग्रवाल, आइजी कानपुर