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फरार IPS पाटीदार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में छह लोगों से पूछताछ, महोबा पहुंची थी विजिलेंस टीम

आरोपित आइपीएस पर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के ट्रांसपोर्टर पीपी पांडेय ने 10 सितंबर 2020 को महोबा कोतवाली में भ्रष्टाचार का मुकदमा लिखाया था। इससे पूर्व पीडि़त ने इस मामले की जुलाई 2020 में मुख्यमंत्री से भी शिकायत की थी।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sat, 28 Aug 2021 07:05 AM (IST)Updated: Sat, 28 Aug 2021 07:05 AM (IST)
महोबा से फरार हुए आइपीएस मणिलाल पाटीदार की फोटो।

महोबा, जेएनएन। कबरई के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत प्रकरण के आरोपित फरार आइपीएस मणिलाल पाटीदार पर बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के ट्रांसपोर्टर की ओर से दर्ज कराए गए आर्थिक उत्पीडऩ के मामले में विजिलेंस पूछताछ के लिए शुक्रवार को पहुंची। भ्रष्टाचार के प्रकरण में टीम ने वादी व अन्य लोगों से पूछताछ की। मामले में लखनऊ भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट की ओर से नोटिस जारी होने के बाद भी 21 जुलाई तक हाजिर न होने पर जांच अधिकारी सीओ तेज बहादुर सिंह ने 23 जुलाई को आरोपित पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा दर्ज कराया था।  

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चार सदस्यीय टीम पहुंची महोबा: शुक्रवार सुबह करीब दस बजे विजिलेंस टीम महोबा पहुंची। मुख्य वादी सहित आधा दर्जन लोगों से पूछताछ की। कलम बंद बयान दर्ज करने के साथ ही टीम ने पूरे घटनाक्रम की भी जानकारी ली। बयान देकर बाहर आए लोगों ने बताया कि टीम का मुख्य फोकस फरार आइपीएस मणिलाल पाटीदार, बर्खास्त दरोगा देवेंद्र शुक्ला व सिपाही अरुण यादव पर चल रहे भ्रष्टाचार के मामले को लेकर रहा। कानपुर के एसपी विजिलेंस पी. राम व निरीक्षक धनंजय वर्मा के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम जनपद मुख्यालय पहुंची थी। इंद्र्रकांत मौत मामले के वादी रविकांत त्रिपाठी, व्यवसायिक पार्टनर बालकिशोर द्विवेदी, पुरुषोत्तम सोनी, मुनीम दीपेंद्र सिंह, विस्फोटक पदार्थ के कारोबारी केशव सविता से टीम ने बयान लिए। बयान दर्ज करने का सिलसिला दोपहर 12 बजे शुरू हुआ, जो देर शाम तक चला। कचहरी स्थित अधिवक्ता यूनियन भवन के पुस्तकालय भवन में संबंधित सभी लोगों से अलग-अलग बयान लिए गए। 

यह है पूरा मामला: आरोपित आइपीएस पर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के ट्रांसपोर्टर पीपी पांडेय ने 10 सितंबर 2020 को महोबा कोतवाली में भ्रष्टाचार का मुकदमा लिखाया था। इससे पूर्व पीडि़त ने इस मामले की जुलाई 2020 में मुख्यमंत्री से भी शिकायत की थी। आरोप था कि आरोपित आइपीएस मणिलाल की ओर खरेला थाना और खन्ना थाना की पुलिस से बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के कार्य में लगे ट्रकों से वसूली कराई जा रही। प्रत्येक ट्रक से हर माह दो लाख रुपये की मांग थी। न देने पर चालक का उत्पीडऩ होता था। इसी मामले में खरेला थाने की पुलिस ने पांच ट्रकों को सीज कर दिया था। वहीं, कबरई प्रकरण में दिवंगत क्रशर कारोबारी इंद्रकांत ने सात सितंबर को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार और कबरई के तत्कालीन एसओ देवेंद्र शुक्ला पर वसूली का आरोप था। उक्त लोगों से अपनी जान को खतरा बताते हुए आडियो, वीडियो वायरल किया था। मुख्यमंत्री को भी प्रार्थना पत्र भेजे थे। दूसरे दिन आठ सितंबर इंद्रकांत गोली लगने से अपनी गाड़ी में घायल मिले थे। 13 सितंबर को कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। इसमें मामला दर्ज हुआ था।


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