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IPL 2021: फर्रुखाबाद जेल में कैदियों पर चढ़ा IPL का खुमार, क्रिकेट मैच न दिखाने पर की भूख हड़ताल

IPL 2021 Latest News Update कैदियों में बढ़ रहे मानसिक रोगों के मद्देनजर शासन की ओर से प्रदेश की सभी जेलों में बंदियों को स्वस्थ मनोरंजन की सुविधाएं दिए जाने के निर्देश दिए गए थे। इसी के क्रम में योगा सत्र जैसी सुविधाएं शुरू की गई थीं।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 08:51 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 08:51 PM (IST)
IPL 2021: फर्रुखाबाद जेल में कैदियों पर चढ़ा IPL का खुमार, क्रिकेट मैच न दिखाने पर की भूख हड़ताल
फर्रुखाबाद जेल की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक तस्वीर।

फर्रुखाबाद, जेएनएन। IPL 2021 Latest News Update आइपीएल एक ऐसा नाम है जिसके शुरू होते ही बच्चे, बड़े और बूढ़े सभी राेमांच से लबरेज हो जाते हैं। आइपीएल की दीवानगी लोगों में किस कदर छायी हुई है इसकी बानगी फर्रुखाबाद जेल में देखने को मिली। जहां सोमवार को कैदियों ने टीवी पर आइपीएल क्रिकेट मैच देखने को न मिलने के विरोध में भूख हड़ताल कर दी। बैठक में भाग लेने गए वरिष्ठ अधीक्षक सूचना मिलने पर आनन-फानन लखनऊ से फतेहगढ़ लौटे। बंदियों से वार्ता के बाद उनकी मांग शीघ्र पूरी करने का आश्वासन देकर हड़ताल समाप्त कराई। हद तो तब हो गई जब कुछ कैदियों ने पत्नी से फोन पर बात करने के दौरान स्पीकर ऑन रखवाए जाने के आदेश पर नाराजगी जताई। 

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कैदियों को मानिसक विकारों से बचाने के लिए शुरू हुई थी व्यवस्था: कैदियों में बढ़ रहे मानसिक रोगों के मद्देनजर जेलों में बंद मानसिक रोगियों पर शोध के बाद शासन की ओर से प्रदेश की सभी जेलों में बंदियों को स्वस्थ मनोरंजन की सुविधाएं दिए जाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में बैरकों में टीवी के अलावा स्पीकर पर संगीत सुनाने, स्वजन से फोन पर बात कराने और योगा सत्र जैसी सुविधाएं शुरू की गई थीं। हालांकि पुरानी कहावत है कि लोग सुविधा को अधिकार समझने लगते हैं। इधर आइपीएल का जादू भी सिर चढ़ कर बोलने लगा है। सोमवार को सेंट्रल जेल फतेहगढ़ के कैदियों ने भूख हड़ताल की घोषणा करते हुए नाश्ते का बहिष्कार कर दिया। बंदियों की मांग थी कि टीवी पर आइपीएल क्रिकेट मैच दिखाया जाए। 

इस तरह समाप्त हुई स्ट्राइक: वरिष्ठ जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार शुक्ला विभागीय बैठक के लिए लखनऊ गए हुए थे। सूचना मिलते ही जेल अधीक्षक ने फतेहगढ़ लौटकर बंदियों से बातचीत की। काफी देर बातचीत के बाद बंदियों के न मानने पर उन्होंने शीघ्र ही टीवी पर आइपीएल मैच दिखाने की व्यवस्था कराने का आश्वासन दे दिया। इसी के बाद हड़ताल समाप्त हो गई। कुछ बंदियों ने पत्नी से बात करते समय स्पीकर खोले रखने पर भी आपत्ति जताई। हालांकि नियमों का हवाला दिए जाने व शासन के संज्ञान में लाने पर सुविधा के समाप्त हो सकने की आशंका जताए जाने पर बंदी इस मुद्दे पर पीछे हट गए। 

इनका ये है कहना:

  • वरिष्ठ अधीक्षक ने बताया कि जेल में अभी तक फ्री-टू-एयर चैनल्स ही दिखाए जा रहे हैं। बंदियों की मांग को देखते हुए पेड स्पोर्ट्स चैनल शीघ्र शुरू कराने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्पीकर फोन से ही बात कराने और जेल कर्मी द्वारा वार्तालाप सुनने का शासन का नियम है। इसके पीछे आशंका यह है कि कोई बंदी फोन पर परिजन के माध्यम से फिरौती की बात भी कर सकता है। दूसरी ओर पीडि़त या स्वजन फोन को रिकॉर्ड कर सकते हैं। 
  •  जिला जेल के प्रभारी अधीक्षक अखिलेश कुमार ने बताया कि उनके यहां बंदियों को स्पोर्ट चैनल दिखाने की व्यवस्था पूर्व से जारी है। 

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