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वाह रे.. भगवान तुम्हारी माया निराली..., बहुत दिलचस्प है फतेहपुर में मां-बेटे के मिलन की ये कहानी

फतेहपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के गांव में तीन साल पहले हरदोई से लापता हुआ युवक मिला। लापता बेटे को पाकर मां के खुशी से आंसू छलक पड़े। बिछोह कराने के बाद फिर कुदरत ने परिवार से मिलन कराया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 05:33 PM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 05:33 PM (IST)
वाह रे.. भगवान तुम्हारी माया निराली..., बहुत दिलचस्प है फतेहपुर में मां-बेटे के मिलन की ये कहानी
बेटे को सामने पाकर मां की आंखों से छलक पड़े आंसू।

फतेहपुर, जेएनएन। कुदरत भी तरह-तरह के इम्तिहान लेती है, पहले अपनों से दूर कराती है और फिर मिलन के लिए भी कड़ियां जोड़ देती है। कुछ ऐसी ही घटना फतेहपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के पहरवापुर गांव में सामने आई है। परिवार से बिछड़ा एक बेटा मिला तो मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और आंखों से आंसुओं की धारा बह निकली। मां-बेटे के बिछड़ने और मिलन की दास्तां भी बड़ी ही दिलचस्प है।

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घर वालों ने छोड़ दी थी अास

हरदोई जिले के भारतपुरवा थाना बघोली निवासी 25 वर्षीय नारेंद्र पाल की मानसिक हालत ठीक नहीं है। मां शिवरानी व भाई सुशील कुमार ने बताया कि तीन साल पहले जुलाई 2017 में नारेंद्र लापता हो गया था। इसके बाद उसकी तलाश करते रहे लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चला। मानसिक रूप से कमजोर नारेंद्र के मिलने की आस ही छोड़ चुके थे। सुशील ने बताया कि भाई नारेंद्र के फतेहुपर के गांव पहरवापुर में होने की जानकारी के बाद वह पहुंचे तो उसे सामने देखकर खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मां शिवरानी उसे सीने से लगाकर खुशी में रोने लगीं।

हरदोई से कैसे पहुंचा फतेहपुर

कल्याणपुर थाने के पहरवापुर गांव में रहने वाले लाला यादव ने बताया कि तीन साल पहले वह कानपुर गया था, जहां पर नारेंद्र उसे मिला था। वहां के लोगों ने नारेंद्र के ट्रक से आने की जानकारी दी थी। नारेंद्र से बात की तो वह सिर्फ भारतपुरवा गांव का ही नाम ले रहा था, इसके अलावा कुछ ठीक से बता नहीं पा रहा था। वह चलने लगा तो नारेंद्र भी उसके पीछे आया, इसपर वह बेसहारा नारेंद्र को लेकर गांव आ गए। तबसे नारेंद्र उनके साथ रहकर घरेलू कामकाज जैसे मवेशियों को चारा लगाना, खेतों से चारा काटकर लाने का काम कर रहा है और वह उसे खाना-पीना व कपड़े आदि देने के साथ पूरी देखभाल करते हैं।

दिल्चस्प है मिलन की कहानी

नारेंद्र को अगर कुदरत ने बिछोह दिया तो उसी कुदरत ने उसका परिवार से मिलन भी कराया। लोगों के सामने जब मिलन के पीछे की कहानी सामने आई तो बरबस ही उनके मुंह से निकल पड़ा- वाह रे भगवान तेरी माया निराली है...। दरअसल, नारेंद्र के मिलन की मुख्य वजह उसके गांव में रहने वाले कुछ युवा बने। भाई सुशील कुमार पाल ने बताया कि उसके गांव भारतपुरवा के कुछ युवक पंजाब के लुधियाना में प्राइवेट नौकरी करते हैं, उनके साथ ही फतेहपुर के पहरवापुर गांव के युवक भी काम करते हैं। पहरवापुर गांव के युवकों से बातचीत में अचानक नारेंद्र का जिक्र आ गया तो भारतपुरवा के युवक भी पूछताछ कर बैठे।

गांव के युवकों से जानकारी सुशील को हुई। इसपर उसने स्थानीय पुलिस को जानकारी दी और फिर मां व बहन को लेकर पहरवापुर गांव पहुंचा। यहां पर भाई नारेंद्र को सामने देखकर खुशी का ठिकाना नहीं रहा। तीन साल से लापता बेटे को पाकर वृद्ध मां शिवरानी के आंसू छलक पड़े। बहन प्रेमा देवी बताया कि भाई की दिमागी हालत ठीक नहीं है, जिससे वह भटककर यहां चले आए थे। पुलिस चौकी प्रभारी सूरज कुमार कनौजिया ने बताया कि नारेंद्र को लिखापढ़ी करवाकर मां शिवरानी व भाई सुशील के सुपुर्द कर दिया गया है, जो उस लेकर हरदोई चले गए हैं।


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