बिरादरी की परंपरा तोड़ना चाहता है दूल्हा, बरात में घोड़ी चढ़ने की जिद पर है अड़ा, हैरत में डाल देती है वजह
महोबकंठ थानाक्षेत्र के माधवगंज में रहने वाले अलखराम अहिरवार ने 18 जून को बरात की निकासी घोड़ी पर बैठकर करने की इच्छा जताकर वाट्सएप और फेसबुक पर पोस्ट डाली और संगठनों से मदद की गुहार भी लगाई है।
महोबा, जेएनएन। शादी को लेकर दुल्हनें ही नहीं दूल्हे भी कई तमन्नाएं दिल में रखते हैं और समय आने पर वो जिद तक में तब्दील हो जाती हैं। ऐसी ख्वाहिश पाले एक दूल्हे ने अब घोड़ी पर चढ़कर निकासी करने की जिद कर दी है और अपनी जिद पूरी करने के लिए वाट्सएप Whatsapp, फेसबुक Facebook पर गुहार लगा दी है। लेकिन, परिवार वालों को अनहोनी का डर सता रहा है कि क्योंकि गांव में उनकी बरिदारी में आजतक कोई भी घोड़ी पर नहीं चढ़ा है। इसकी वजह भी हैरत में डालने वाली है, हालांकि पुलिस ने अब दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ने की अनुमति दे दी है।
दूल्हे ने वायरल की जिद
महोबकंठ थानाक्षेत्र के माधवगंज में रहने वाले गयादीन अहिरवार के बेटे अलखराम अहिरवार की शादी 18 जून को होनी है। बरात ले जाने से पहले गांव में देवी मंदिरों का पूजन किया जाता है, जिसे निकासी कहते हैं। यह निकासी का कार्यक्रम अलखराम घोड़ी पर बैठकर करना चाहता है, उसने घोड़ी पर चढ़ने की जिद की तो पहले घरवालों ने उसे मना किया। दूल्हा मानने को तैयार नहीं और घरवाले अनहोनी की आशंका से डरे हैं। इसपर अलखराम अहिरवार ने एक माह पहले इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालकर लिखा कि मैं गांव में अपनी बरात की निकासी घोड़ी पर बैठ कर करना चाहता हूं, क्या कोई संगठन है, जो मेरी बरात गांव में घोड़ी पर निकलवाने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही पुलिस से भी मदद की दरकरार की थी।
किस बात का है डर
कुलपहाड़ तहसील क्षेत्र के कुछ गांवों में अनुसूचित जाति के लोग घोड़ी पर बैठ कर बरात नहीं निकालते हैं। ऐसा क्यों हो रहा है, इस बात को तो कोई स्पष्ट नहीं कर पाता है लेकिन बिरादरी की परंपरा बताकर टाल देते हैं। पिता गयादीन अहिरवार ने बताया कि ग्राम पंचायत काशीपुर के मजरा करपहाडिय़ा माधवगंज में आजादी से अब तक किसी भी अनुसूचित जाति के युवक की बरात घोड़ी पर नहीं निकली। अब बेटा जिद पर अड़ा है, ऐसे में घरवालों को अनहोनी का डर सता रहा है। उसे आशंका है कि बरात की निकासी के समय उसकी या दूसरी बिरादरी के लोग विरोध करके मारपीट भी कर सकते हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
ग्राम पंचायत काशीपुरा के प्रधान महीपत श्रीवास का कहना है कि युवक की शादी 18 जून को है। पंचायत के किसी भी व्यक्ति को कोई आपत्ति नहीं है। सभी को अपने ढंग से बरात निकालने का पूरा अधिकार है, हमारे यहां किसी जाति से भेदभाव या कोई मतभेद नहीं है। महोबकंड के थानाध्यक्ष सुनील तिवारी का कहना है कि अलखराम ने बरात की निकासी घोड़ी पर चढ़कर करने के लिए सुरक्षा मांगी है। वैसे, गांव में विरोध जैसी कोई बात नहीं है। फिर भी एहतियातन फोर्स तैनात किया जाएगा।