Move to Jagran APP

सोसाइटी के अधीन होंगे बीमा अस्पताल और डिस्पेंसरियां, देखरेख की अब बदलेगी व्यवस्था

राज्य सरकार के श्रम मंत्रालय के अधीन कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआइएस) श्रम एवं स्वास्थ्य सेवाएं के तहत अस्पताल एवं डिस्पेंसरियों का संचालन हो रहा था। उसके लिए बजट केंद्र सरकार की ईएसआइसी से मिलता था। ऐसे में व्यवस्था सुधरने के बजाए बिगड़ती चली गई।

By Akash DwivediEdited By: Published: Wed, 07 Jul 2021 12:10 PM (IST)Updated: Wed, 07 Jul 2021 12:10 PM (IST)
सोसाइटी के अधीन होंगे बीमा अस्पताल और डिस्पेंसरियां, देखरेख की अब बदलेगी व्यवस्था
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) की स्टैंडिंग कमेटी ने सहमति प्रदान कर दी

कानपुर, जेएनएन। कामगारों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रदेश के बीमा अस्पतालों एवं डिस्पेंसरियों के कायाकल्प की तैयारी है। केंद्र एवं राज्य की दोहरी व्यवस्था की वजह से ठीक से देखरेख न होने अस्पताल एवं डिस्पेंसरियां जर्जर हो गईं हैं। उनमें डाक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ तक नहीं हैं। इसलिए राज्य सरकार के अधीन संचालित प्रदेश के 10 बीमा अस्पतालों एवं 93 डिस्पेंसरियों को अब सोसाइटी के अधीन करने की तैयारी है। इसके लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) की स्टैंडिंग कमेटी ने सहमति प्रदान कर दी है।

loksabha election banner

राज्य सरकार के श्रम मंत्रालय के अधीन कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआइएस) श्रम एवं स्वास्थ्य सेवाएं के तहत अस्पताल एवं डिस्पेंसरियों का संचालन हो रहा था। उसके लिए बजट केंद्र सरकार की ईएसआइसी से मिलता था। ऐसे में व्यवस्था सुधरने के बजाए बिगड़ती चली गई। अस्पतालों न डाक्टर और न ही कर्मचारी हैं। बेड खाली पड़े रहते हैं। बीमित कामगारों और उनके आश्रितों को बेहतर इलाज नहीं मिल रहा है। सेकेंडरी और टर्सरी इलाज की बात दूर प्राइमरी इलाज तक नहीं मिल रहा है।

सोसाइटी पर सहमति, कुछ मसले पर आपत्ति : राज्य सरकार ने सोसाइटी के अधीन अस्पतालों के चलाने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। हालांकि कुछ मसलों पर आपत्ति भी जताई है। इन्हेंं सुझलाने के बाद ही सोसाइटी के तहत ईएसआइएस की श्रम एवं स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन संभव हो पाएगा। ईएसआइसी ने जल्द ही इन मसलों को सुलझान का भरोसा दिया है।

सोसाइटी में होंगे राज्य व केंद्र के नामित सदस्य : सरकार के स्तर से ही सोसाइटी का गठन किया जाएगा। इसमें राज्य और केंद्र सरकार की कर्मचारी राज्य बीमा निगम के नामित सदस्यों को रखा जाएगा। सोसाइटी के जिम्मे ही बीमा अस्तपालों एवं डिस्पेंसरियों के भवन की मरम्मत का भी जिम्मा होगा। उसके बाद नए सिरे से डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और सहयोगी कर्मचारियों की नियुक्त की जाएगी। ताकि मरीजों के इलाज का मुकम्मल इंतजाम हो सके।

अहम तथ्य

  • 23 लाख बीमित कामगार हैं प्रदेश में
  • 1.75 लाख बीमित कामगार कानपुर में
  • कर्मचारी राज्य बीमा योजना की स्थिति
  • 10 अस्पताल प्रदेश में हैं
  • 93 डिस्पेंसरी प्रदेश में
  • 04 अस्पताल शहर में
  • 43 डिस्पेंसरी शहर में

इनका ये है कहना

  • ईएसआइसी ने राज्यों में चल रही कर्मचारी राज्य बीमा योजना का संचालन सोसाइटी के तहत चलाने का फैसला लिया है। इसका प्रारूप भी तैयार कर लिया गया है। प्रदेश के श्रम चिकित्सा सेवा ने अपने कर्मचारियों के वेतन-पेंशन समेत कई अहम मसले उठाए हैं। सोसाइटी में केंद्र एवं राज्य सरकार के आधे आधे-आधे सदस्य होने की बात भी उठाई गई है। इन्हेंं सुलझाने के लिए ईएसआइसी ने सहमति भी जताई है। नए प्रारूप के साथ प्रस्ताव जल्द ही राज्य सरकार को भेजेंगे। सहमति के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।

                             - प्रेम प्रकाश पाल, निदेशक, कर्मचारी राज्य बीमा योजना, श्रम एवं स्वास्थ्य सेवाएं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.