सिद्धचक्र महापूजन में इंद्र और इंद्राणी बने भक्त
कानपुर में कमला टावर के पास स्थित कांच के मंदिर के 150 वर्ष पूरे होने पर चल रहे उत्सव में बुधवार को हजारों भक्त यहां पहुंचे। तीन दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन भक्तों ने इंद्र-इंद्राणी बनकर अरिहंतों का पूजन अर्चन किया।
कानपुर, जेएनएन। कमला टावर स्थित कांच के मंदिर के 150 वर्ष 25 फरवरी को पूरे हो रहे हैं। मंदिर परिसर में तीन दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन भक्तों ने इंद्र-इंद्राणी बनकर अरिहंतों का पूजन अर्चन किया। गुरुवार को महोत्सव का समापन शोभायात्रा व ध्वजारोहण से होगा।
बुधवार को भक्तों ने इंद्र व इंद्राणी बनकर सिद्धचक्र महापूजन किया। भगवान धर्मनाथ स्वामी के सामने भक्तों ने घेरा बनाकर अरिहंत देव व गुरु महाराज का स्मरण किया। जग में हुए सभी अरिहंत, सिद्ध, आचार्य और उपाध्याय का वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूजन हुआ। इंद्र व इंद्राणी द्वारा प्रभु को मिष्ठान व चूरा का भोग लगाया गया। संध्याकाल में भक्तों ने कुमारपाल महाराजा बनकर प्रभु श्री की 108 दीपों से आरती उतारी। कांच के मंदिर में प्रभु की आरती का नजारा देखते ही बन रहा था। दीपों की जगमग से पूरा मंदिर रोशन हो गया। हर कोई इस अद्भुत क्षण को मोबाइल में कैद कर रहा था। आरती व पूजन के बाद समाज के सभी लोगों ने एक साथ भोजन कर साधर्मिक वात्सल्य मनाया। कोलकाता के भजन गायक मोहित बोथरा के कब दर्शन दोगे धर्मनाथ स्वामी रास्ता देखत..., मेरी बीती उमरिया सारी, प्रभु जी तुम चंदन हम पानी... नाम है तेरा तारण हारा कब तेरा दर्शन होगा... भजनों पर भक्त जमकर नाचे। भक्त राहुल ने बताया कि गुरुवार को अंतिम दिन 150वें वर्ष का उत्साह शोभायात्रा और 150वीं ध्वजारोहण कर मनाया जाएगा। इसमें संकल संघ शामिल होकर पूजन अर्चन करेगा।