नैनो पैकेजिंग पर यूएस और यूके के साथ मिलकर शोध करेेंगे भारतीय विशेषज्ञ
माइक्रो नैनो मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्फेस इंजीनियरिंग पर अंतरराष्ट्रीय सामूहिक चर्चा में आइआइटी के वरिष्ठ प्रोफेसर ने जानकारी दी माइक्रो नैनो मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में अनुसंधान करके उत्पाद तैयार करेंगे और स्टार्टअप व उद्योगों के जरिए आमजन तक कालेज स्तरीय शोध पहुंचाए जाएंगे।
कानपुर, जेएनएन। अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, संसाधनों और मजबूत बजट के साथ माइक्रो नैनो मैन्युफैक्चरिंग पर अब भारतीय विशेषज्ञ शोध करेेंगे। यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका (यूएस), यूनाइटेड किंगडम (यूके), जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों के साथ मिलकर उत्पाद विकसित किए जाएंगे। आइआइटी खुद के साथ ही दूसरे तकनीकी कालेजों में होने वाले शोध कार्यों को स्टार्टअप व उद्योगों के जरिए आम जन तक पहुंचाने की तैयारी कर चुका है।
माइक्रो नैनो मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्फेस इंजीनियरिंग पर हुई अंतरराष्ट्रीय सामूहिक चर्चा वैभव : वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक शिखर सम्मेलन-2020 में आइआइटी के वरिष्ठ प्रोफेसर व नैनो मैन्युफैक्चरिंग विशेषज्ञ प्रो. जे राम कुमार ने बताया कि आने वाला समय नैनो पैकेजिंग का है। इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। विकसित देशों के साथ मिलकर भारत इन पर अनुसंधान करेगा। अंतरराष्ट्रीय सामूहिक चर्चा में विदेशी विश्वविद्यालयों व अनुसंधान प्रयोगशालाओं के आठ भारतीय शिक्षाविद् व वरिष्ठ वैज्ञानिकों के पैनल ने कहा है कि यह समय एक साथ मिलकर नई चीजें तलाशने का है। किसी के पास प्रयोगशाला समृद्ध है तो किसी के पास नए विचार हैं। इन सभी के मिलने से ही नैनो पैकेजिंग के क्षेत्र में नवाचार संभव है।
उन्होंने बताया कि भविष्य में वैश्विक बाजार में इसकी मांग बढऩा तय है। मेट्रोलॉजिकल माप अनुसंधान और इस पर काम करने के लिए सहभागिता की चुनौतियां सामने होंगी, जिसका मिलकर मुकाबला करना होगा। भारत में अनुसंधान अकादमिक स्तर पर अधिक केंद्रित है। अब इसे अपने उत्पादों के व्यावसायीकरण की दिशा में विकसित करने की जरूरत है। इस दौरान स्टार्टअप, उद्योग की जरूरतों के अनुसार नई सरकार के प्रोटोकॉल व देश में नई राष्ट्रीय स्तर की फंडिंग योजनाओं पर भी चर्चा की गई।