प्रोफेसर साहब ने ताक पर रखे रेलवे के नियम, अपनी सुविधा के लिए रोक दी शताब्दी एक्सप्रेस
उन्नाव स्टेशन के पास नई दिल्ली-लखनऊ स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस में चेन पुलिंग होने से खलबली मच गई और करीब 15 मिनट तक खड़ी रही। आरपीएफ ने चेन पुलिंग करने वाले प्रोफेसर को पकड़कर रेलवे एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है।
उन्नाव, जेएनएन। नियम और अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाले गुरुजी ही जब उसे तोड़ने लगेंगे तो आने वाली पीढ़ी से क्या उम्मीद की जाए। ऐसा ही एक मामला रविवार को उन्नाव रेलवे स्टेशन पर सामने आया, जहां एक शिक्षक ने रेलवे के नियम ताक पर रख दिए और नॉनस्टॉप शताब्दी एक्सप्रेस को रुकवा दिया। आरपीएफ ने उनसे पूछताछ की तो उन्हाेंने खुद को एक महाविद्यालय का प्रोफेसर बताते हुए रौब भी दिखाया लेकिन यह अहसास नहीं किया उनकी हरकत से कितने यात्रियों को परेशानी हुई होगी।
दरअसल, रविवार पूर्वाह्न करीब पौने 12 बजे उन्नाव से पास हो रही नई दिल्ली-लखनऊ स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस के पहिए एकाएक थम गए। ट्रेन रुकते ही स्टेशन पर तैनात सुरक्षा जवानों के साथ कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए। महत्चपूर्ण ट्रेन होने की वजह से परिचालन कंट्रोल ने फौरन स्टेशन के अधीक्षक हैदर मेहंदी से ट्रेन रुकने का कारण पूछा तो पता चला कि किसी यात्री ने चेन पुलिंग की है। करीब पंद्रह मिनट बाद ट्रेन लखनऊ के लिए रवाना हो सकी।
आरपीएफ ने तत्काल ट्रेन में चेन पुलिंग करने वाले यात्री को पकड़ लिया। पूछने पर अपना नाम देवेंद्र सिंह बताते हुए खुद को मेरठ में एक महाविद्यालय का प्राेफेसर बताया। उन्होंने बताया कि दरअसल कानपुर में उतरना था लेकिन नींद आ जाने की वजह से उतर नहीं पाए। ट्रेन आगे चल दी और बाद में उन्हें स्टेशन निकल जाने की जानकारी हुई। इसपर उन्होंने उन्नाव स्टेशन पर ट्रेन में चेन पुलिंग कर दी। आरपीएफ ने उनके खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है। प्रोफेसर साहब ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को होने वाली असुविधा को भूल गए और अपनी सुविधा का ख्याल रखा। संभव है कि ट्रेन में कुछ ऐसे मरीज यात्री या फिर यात्री जिन्हें कहीं पर तय समय पर पहुंचना होगा लेकिन प्रोफेसर साहब की नामसमझी अब शायद उनके लिए समस्या बन गई हो।