सुपरफास्ट ट्रेनों में ट्रैक की मॉनीटरिंग के लगेगा ओएमएस, जानिए-रफ्तार के साथ कैसे करेगा काम
अभी तक मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में डिवाइस लगाई जाती थी अब सुपरफास्ट ट्रेन के अंतिम कोच में लगाने की शुरुआत कर दी गई है।
कानपुर, जेएनएन। रेलवे अब सुपरफास्ट ट्रेन से ट्रैक की मॉनीटरिंग करेगा, नई डिवाइस ओएमएस से यह काम आसानी से होगा। दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से गाजियाबाद के बीच इसकी शुरुआत की गई है। अभी तक यह डिवाइस मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में ही लगाई जाती थी।
ट्रैक की मॉनीटरिंग बड़ी चुनौती
रेलवे के लिए ट्रैक की मॉनीटरिंग करना बड़ी चुनौती है। बदलते मौसम के साथ ट्रैक में आने वाली खामी को ढूंढने के दौरान चुनौती और बढ़ जाती है। अब तेज रफ्तार के साथ यह काम आसान होगा। कम वक्त में ट्रैक की खामी आसानी से पकड़ ली जाएगी। दरअसल अभी ट्रेनों के अंतिम कोच मेंं ओएमएस (ऑसीलेशन मॉनीटरिंग सिस्टम) डिवाइस लगाई जाती थी जो अधिकतम 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैक मॉनीटरिंग में सक्षम थी। डिवाइस मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में ही लगाई जाती थी। नई डिवाइस एलएचबी कोच में लगायी जा सकेगी जिसके चलते 130 किमी की अधिकतम गति से चलने वाली सुपरफास्ट ट्रेनों से भी ट्रैक मॉनीटरिंग आसानी से हो जाएगी।
आसानी से मिलेगी खामी, बचेगा वक्त
पूर्व डिवाइस से ट्रैक की रिकार्डिंग तो हो जाती थी, लेकिन खामी को ढूंढना मुश्किल था। मौजूदा डिवाइस जीपीएस आधारित है। इससे ट्रैक की मॉनीटरिंग ऑनलाइन की जा सकती है। पटरियों के आकार में परिवर्तन, हेयर लाइन फाल्ट, ट्रेन के ज्यादा हिलने की समस्या जैसी दिक्कतों को नई डिवाइस आसानी से पकड़ लेगी। उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी केशव त्रिपाठी बताते हैं कि नई डिवाइस से कम समय में बेहतर तरीके से ट्रैक की मॉनीटरिंग की जा रही है। अभी तक काम मेल और एक्सप्रेस ट्रेन से ही किया जा सकता था।