तेजस से शताब्दी को टक्कर देने के लिए आइआरसीटीसी का नया दांव, जानें-कितना कम होगा किराया
अफसरों ने आइआरसीटीसी बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है जिसे जल्द हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। तेजस एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए नया दांव चलने की तैयारी की जा रही है और सुविधाएं भी पहले जैसी रहेंगी।
कानपुर, जेएनएन। देश की पहली कारपोरेट ट्रेन तेजस अब किराये के मामले में शताब्दी को टक्कर देगी। आने वाले दिनों में किराये में बड़े फेरबदल के लिए प्रस्ताव बनाकर आइआरसीटीसी बोर्ड को भेजा गया है। जल्द फैसले की उम्मीद है। आइआरसीटीसी ने लॉकडाउन के बाद तेजस चलाने की घोषणा की तो ठीक चार दिन बाद ही रेलवे बोर्ड ने भी शताब्दी के संचालन की अनुमति दे दी।
तेजस लखनऊ से दिल्ली चलती है, जबकि शताब्दी कानपुर से दिल्ली के बीच चलाई जाती है। दोनों ही ट्रेनों में सुविधाएं लगभग एक जैसी हैं, लेकिन किराये में अंतर है। इसलिए कानपुर के ज्यादातर यात्री शताब्दी को तवज्जो देते हैं। इससे तेजस में कानपुर से यात्री लोड काफी कम रहता है। आइआरसीटीसी के अधिकारियों के मुताबिक, कानपुर से तेजस में चेयर कार का किराया अब 700 रुपये करने की तैयारी है। इससे तेजस पर सफर करने वालों की संख्या बढ़ेगी। सूत्रों के मुताबिक, किराये में करीब दो सौ रुपये के अंतर को समाप्त करने का प्रस्ताव आइआरसीटीसी बोर्ड भेजा जा चुका है। हालांकि, अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।
फिलहाल ये है किराये की स्थिति
शताब्दी के चेयर कार का किराया अभी 780 रुपये है, जबकि एग्जीक्यूटिव चेयर का किराया 1560 रुपये है। वहीं, तेजस में चेयर कार का किराया लखनऊ से 915 रुपये और एग्जीक्यूटिव चेयर का किराया 1795 रुपये है। कानपुर सेंट्रल से आरक्षण कराने पर भी किराये में करीब 50 रुपये के आसपास ही अंतर रहता है।
कानपुर के यात्रियों को मिलेगा ताजा खाना
अधिकारी तर्क देते हैं कि तेजस में यात्रियों को खाना भी मिलता है। इसीलिए किराये में इसका पैसा अतिरिक्त जुडऩे से टिकट महंगा है, जबकि शताब्दी में खाना नहीं मिलता है। आइआरसीटीसी अधिकारी खाने की सुविधा बंद करने के पक्ष में भी नहीं हैं। कानपुर से दिल्ली जाने वालों को अब ताजा खाना देने की तैयारी है। अभी तक यह खाना लखनऊ से ही रख लिया जाता था। अब कानपुर में ही बनवाकर खाना ट्रेन में रखा जाएगा।
किस ट्रेन में कितनी सीटें
ट्रेन एग्जीक्यूटिव चेयर कार
शताब्दी 56 1014
तेजस 28 405