Etawah Train Accident: 20 घंटे बाद भी बहाल नहीं हुआ डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर, मालगाड़ियों का संचालन रुका
इटावा में जसवंतनगर और बलरई के बीच डीएफसी ट्रैक पर मालगाड़ी के 17 ओपन वैगन डिरेल होकर पलट गए थे। रेलवे कर्मियों की टीम रात से सुबह तक क्षतिग्रस्त वैगन हटाने के बाद अब स्लीपर और पटरी बिछाने के काम में जुट गई है।
इटावा, जेएनएन। इटावा में मालगाड़ी के 17 ओपन वैगन पलटने से ट्रैक उखड़ने के 20 घंटे बाद भी डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) बहाल नहीं हो सका है। हादसे के बाद से अप व डाउन ट्रैक पर बीस से ज्यादा मालगाडिय़ों का संचालन प्रभावित हुआ है। हादसे के बाद मालगाड़ियों को बलरई, भदान, शिकोहाबाद स्टेशनों पर रोक दिया गया था। सुबह तक मालगाड़ी के क्षतिग्रस्त वैगन हटाने का काम चलता रहा और तकनीकी टीम ने ट्रैक का निरीक्षण किया है। अब नए स्लीपर डालने और पटरी बिछाने के लिए कवायद शुरू की जा रही है। हालांकि अभी तक घटना की वजह सामने नहीं आ सकी है। डीएफसी के प्रयागराज मंडल के निदेशक अजय कुमार पहुंच गए हैं और करीब ढाई सौ रेलवे कर्मियों की टीम लगाकर ट्रैक दुरुस्तीकरण शुरू करा दिया है।
डीएफसी पर पहला हादसा
इटावा के जसवंतनगर व बलरई के बीच सोमवार शाम करीब छह बजे भाऊपुर से खुर्जा सेक्शन के फ्रेट कारिडोर रेल मार्ग पर पहला हादसा हुआ। यहां डाउन लाइन पर मालगाड़ी के 17 ओपन वैगन पटरी से उतरकर पलट गये और मालगाड़ी दो हिस्सों में बंट गई। इंजन सहित आगे का हिस्सा राजपुर क्रासिंग संख्या 37 पर रुका था। घटना के बाद डाउन और अप लाइन पर मालगाडिय़ों को रोक दिया गया था। रात में ही रेलवे की टीम ने क्षतिग्रस्त वैगन हटाने का काम शुरू कर दिया था। सुबह तक क्षतिग्रस्त वैगन हटाने के बाद ट्रैक बिछाने का काम शुरू कराया गया है। ट्रैक के अलावा करीब एक दर्जन पोल भी टूट गए हैं।
प्रयागराज मंडल निदेशक भी पहुंचे
हादसे की जानकारी के बाद डीएफसी के प्रयागराज मंडल के निदेशक अजय कुमार भी पहुंच गए हैं। पूरी रात ट्रैक से मालगाड़ी के वैगन हटाने का काम चलता रहा और सुबह तक हटाये जा सके। अब क्षतिग्रस्त ट्रैक के दुरुस्तीकरण की कवायद शुरू की गई है। कानपुर, टूंडला और प्रयागराज से आई तकनीकी टीम काम में जुट गई है। स्लीपर और पटरी बिछाने में करीब ढाई सौ कर्मचारियों की टीम काम कर रही है। रेलवे अफसरों ने मंगलवार देर रात तक डीएफसी ट्रैक बहाल हो जाने की बात कही है।
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अभी सुरक्षित नहीं है डीएफसी मालगाड़ी ट्रैक
डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) का मालगाड़ी रेलवे ट्रैक अभी सुरक्षित नहीं है। दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक के समानांतर इस ट्रैक पर कई खतरनाक स्थानों पर फेंसिंग तक नहीं है। सोमवार को मालगाड़ी के डिरेल होने पर खामियों पर नजर गई। मालगाड़ी की स्पीड ज्यादा होती तो वैगन दिल्ली-हावड़ा ट्रैक तक पहुंच जाते, जिससे काफी भयावह हालात हो सकते थे। जिस स्थान पर मालगाड़ी डिरेल हुई, उससे मुश्किल से 10 मीटर की दूरी पर दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर ट्रेनें दौड़ रहीं थीं। एसडीएम जसवंतनगर नंदराम मौर्य ने बताया कि उच्चाधिकारियों को ट्रैक की सुरक्षा व्यवस्था कराने के लिए अवगत कराया जाएगा।