Move to Jagran APP

India China Border Tension: चीन नहीं मित्र, अब देसी शीशी में महकेगा कन्नौज का इत्र

India China Tension चीन की नापाक हरकतों से नाराज इत्र कारोबारियों ने नए ऑर्डर नहीं दिए हैं अब भारत में ही शीशियां बनाएंगे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 11:04 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 01:30 PM (IST)
India China Border Tension: चीन नहीं मित्र, अब देसी शीशी में महकेगा कन्नौज का इत्र
India China Border Tension: चीन नहीं मित्र, अब देसी शीशी में महकेगा कन्नौज का इत्र

कन्नौज, [प्रशांत कुमार]। सीमा पर चीन की नापाक हरकत से देशभर में उबाल है। चीन से व्यापारिक रिश्ते खत्म करने के साथ वहां से आयात होने वाली वस्तुओं का बहिष्कार किया जा रहा है। वहीं अब कन्नौज के इत्र कारोबारियों ने भी एलान कर दिया है कि वह अब किसी कीमत पर चीन से सामान आयात नहीं करेंगे। इत्र कारोबार के लिए सबसे महत्वपूर्ण छोटी शीशियों को भी नहीं मंगाया जाएगा। अब यह कारोबार पूरी तरह देसी शीशियों पर निर्भर होगा। इसके लिए देशभर में स्थित फैक्ट्रियों की मदद ली जाएगी और कन्नौज में भी नई फैक्ट्रियां स्थापित की जाएंगी।

loksabha election banner

कन्नौज में रुका था चीनी यात्री ह्नेनसांग

इत्र नगरी का चीन से पुराना रिश्ता रहा है। यहां के राजा हर्षवर्धन के काल में चीनी यात्री ह्नेनसांग भारत आया था और कई माह तक कन्नौज में रुका था। उसने यहां के इत्र निर्माण की प्रशंसा की थी। चीन से जब व्यापारिक संबंध हुए तो इत्र के लिए छोटी शीशियों का आयात वहां से होने लगा। कारोबारियों के मुताबिक अब तक 70 फीसद डिजाइनर और फैंसी शीशियां चीन से ही आती थीं। लॉकडाउन में आयात बंद हो गया। अनलॉक के बाद सीमा पर तनाव होने से कारोबारियों ने नए ऑर्डर भी नहीं दिए। नगर के प्रतिष्ठित इत्र कारोबारी मुस्ते हसन कहते हैं कि अब घरेलू उत्पाद को ही बढ़ावा देंगे और कन्नौज और मुंबई में स्थित फैक्ट्रियों में शीशी बनाएंगे। इत्र कारोबारी सोनू पांडे कहते हैं कि चीन के उत्पादों के बहिष्कार कर घरेलू उत्पाद पर निर्भर होना होगा।

जेरिकन-वेलवेट की शीशी देंगी मात

मुस्ते हसन के मुताबिक कन्नौज में बन रहीं जेरिकन और वेलवेट शीशियां चीनी शीशियों को मात दे सकती हैं। यह हैंडमेड और दोबारा प्रयोग करने योग्य है जबकि चीन से आने वाली शीशी सिर्फ एक बार ही प्रयोग की जा सकती हैं।

अपनी फैक्ट्री में बनाएंगे शीशी

  • चीन की शीशी की डिजाइन अच्छी होती है। इसलिए आयात करते थे। वर्तमान हालात को देखते निर्णय लिया है कि अब किसी कीमत पर चीन से माल नहीं खरीदेंगे, बल्कि मुंबई स्थित अपनी फैक्ट्री में बनाएंगे। -सागर दीक्षित, इत्र कारोबारी
  • इतिहास साक्षी है कि चीन ने हमेशा भारत को दगा दिया है। सभी इत्र कारोबारी अपनी यूनिट लगाकर शीशी और अन्य वस्तुओं का स्वयं उत्पादन करें। इससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। -पवन त्रिवेदी, महासचिव द अतर्स एंड परफ्यूमर्स एसोसिएशन 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.