कोरोना से उबर कर आगे बढ़ा व्यापार, आयकर विभाग ने इस वर्ष कानपुर में हासिल की बड़ी उपलब्धि
वित्तीय वर्ष शुरू होने के पहले ही लॉकडाउन ने व्यापार कर दिया था ठप। कारोबार बढऩे से टैक्स बढ़ा पिछले साल से बकाया वसूली हुई ज्यादा। पिछले वर्ष अक्टूबर में 260.25 लाख रुपये वसूली हुई थी जबकि इस साल अक्टूबर में ये 708.05 लाख रुपये पहुंची है।
कानपुर, जेएनएन। वित्तीय वर्ष शुरू होने के पहले ही कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन ने व्यापार को पूरी तरह ठप कर दिया था। दो माह तक कोई व्यापार ठीक से नहीं हो सका। उसके बाद कारोबार धीरे-धीरे शुरू हुआ तो सितंबर आते-आते रफ्तार पकड़ ली। इससे वाणिज्यकर विभाग को पिछले साल से ज्यादा टैक्स मिला।
वाणिज्य कर विभाग में जमा किए जा रहे 3बी रिटर्न इस बात के साक्ष्य हैं कि कारोबारी आंकड़े सिर्फ इस वर्ष नहीं, पिछले वर्ष के मुकाबले भी आगे बढ़े हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति बकाया वसूली को लेकर है। बकाया वसूली में विभाग पिछले वर्ष इन महीनों में की गई वसूली से भी आगे बढ़ गया है। पिछले वर्ष अक्टूबर में वसूली की तुलना में इस वर्ष तो ढाई गुना से ज्यादा वसूली हुई है। पिछले वर्ष अक्टूबर में 260.25 लाख रुपये वसूली हुई थी, जबकि इस साल अक्टूबर में ये 708.05 लाख रुपये पहुंची है। सबसे अच्छी बात ये रही कि कोरोना शुरू होने के बाद भी कानपुर में 5,574 नए कारोबारी सामने आए, जिन्होंने अपना पंजीयन कराया।
ब्याज माफी योजना में कानपुर टॉप फाइव में
वाणिज्य कर विभाग में कोरोना के दौरान ही ब्याज माफी योजना भी चल रही थी। इसमें कानपुर ने 856.84 लाख रुपये जमा कर पूरे प्रदेश में पांचवा स्थान पाया। 31 अक्टूबर को यह योजना खत्म हुई है। गौतमबुद्ध नगर सबसे बड़ा व्यावसायिक केंद्र होने की वजह से सबसे ज्यादा 22.96 करोड़ रुपये जमा कर सबसे आगे रहा।
बकाया वसूली में तोड़े पिछले वर्ष के रिकाॅर्ड
यह कारोबार बढऩे का ही नतीजा है कि बकाया वसूली तीन माह से पिछले वर्ष के रिकार्ड तोड़ रही है। सितंबर में बकाया वसूली का ग्राफ पिछले वर्ष के 305.99 लाख रुपये के मुकाबले 537.12 लाख पहुंच गया। अक्टूबर में यह 260.75 लाख के मुकाबले 708.05 लाख हुआ तो नवंबर में 357.77 लाख के मुकाबले 623.32 लाख रहा।
रिटर्न फाइल करने में कानपुर अव्वल
टैक्स जमा करने और बकाया वसूली के साथ ही कानपुर के कारोबारी रिटर्न फाइल करने में भी सबसे आगे रहे। नवंबर में कानपुर के 85.92 फीसद कारोबारियों ने अपने रिटर्न फाइल किए। इसमें आगरा दूसरे नंबर पर रहा।
सीजीएसटी हुआ पूरी तरह ई-आॅफिस
कोरोना काल में केंद्रीय माल एवं सेवाकर (सीजीएसटी) ने खुद को पूरी तरह ई-ऑफिस में बदल लिया। लॉकडाउन के बाद सीजीएसटी ने अपने सभी ऑफिस को सुनवाई के लिए वैकल्पिक तरीके अपनाने के निर्देश दिए थे। इसमें कानपुर ऑफिस ने सबसे पहले 27 मई को वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग से पहली सुनवाई की। इसके अलावा पूरे ऑफिस को ई-ऑफिस में बदल दिया गया। वहां अब मैनुअली कोई फाइल देने की जरूरत नहीं है। सबकुछ ऑनलाइन हो रहा है।
आयकर ने सबसे बड़ी अघोषित संपत्ति पकड़ी
इस वर्ष आयकर विभाग के हाथ बड़ी उपलब्धि भी आई। वर्ष के अंतिम महीनों में आयकर विभाग ने छापे में 121 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति पकड़ी। कानपुर में आयकर विभाग ने इतनी अधिक अघोषित संपत्ति इससे पहले नहीं पकड़ी थी।
कारों की बिक्री ने तोड़ा रिकाॅर्ड
आॅटोमोबाइल सेक्टर को लेकर लोगों के मन में संशय था, लेकिन पहले नवरात्र और उसके बाद धनतेरस में इतनी ज्यादा कारें बिकीं कि शोरूम खाली हो गए। धनतेरस से पहले शोरूम में जितनी कारें थी, सब बुक हो चुकी थीं। शोरूम संचालकों को कार बुक कराने के लिए आने वालों को मना करना पड़ा था।