Coronavirus Lockdown : आयकर विभाग ने रिटर्न में छूट पाने के लिए निवेश की तारीख बढ़ाई
देश में लॉकडाउन के चलते करदाताओं की समस्या को देखते हुए आयकर विभाग ने फैसला लिया है।
कानपुर, जेएनएन। लॉकडाउन को देखते हुए आरबीआई ने लोगों को वित्तीय फायदे देने के लिए कई घोषणाएं की हैं, वहीं आयकर विभाग ने करदाताओं की समस्या को देखते हुए निवेश में समय की छूट देकर लाभ देने की कोशिश की है। अक्सर करदाता आयकर रिटर्न में छूट पाने के लिए अलग अलग कई जगह अबतक 31 मार्च तक निवेश करते थे। यह सिलसिला मार्च माह के अंतिम दस दिनों में अधिक रहता था लेकिन इस बार लॉकडाउन होने से वह ऐसा नहीं कर पाए हैं। इसे देखते हुए आयकर विभाग ने निवेश की तारीख बढ़ा दी है।
31 जुलाई तक फाइल करना पड़ता है रिटर्न
हर वित्तीय वर्ष में अगर तारीख नहीं बढ़ाई जाए तो रिटर्न 31 जुलाई तक फाइल करना पड़ता है। टैक्स ऑडिट वाली कंपनियों का रिटर्न 30 सितंबर तक फाइल होता है। वित्तीय वर्ष 2019-20 का रिटर्न भी 31 जुलाई तक दाखिल करना है। रिटर्न में टैक्स को बचाने के लिए लोग कई तरीके के निवेश करते हैं। इनसे डेढ़ लाख रुपये तक की छूट मिलती है। इसके अलावा मेडिक्लेम पर 25 हजार रुपये तक की छूट दी जाती है। इन निवेश को करदाता 31 मार्च तक ही कर सकता है लेकिन, इस वर्ष लॉकडाउन के चलते वित्तीय वर्ष के अंतिम 10 दिन कई करदाता चाहते हुए भी निवेश नहीं कर सके।
निवेश की तारीख बढ़ाकर 30 जून की
चाह कर भी करदाता मार्च माह के अंतिम दस दिनों में निवेश नहीं कर सके हैं। इसे देखते हुए आयकर विभाने निवेश की तारीख बढ़ा दी है। अब उन्हें यह निवेश करने के लिए 30 जून 2020 तक की छूट दी गई है। एलआइसी, मकान किराया, कैपिटल गेन से संबंधित छूट के लिए निवेश आदि को इसमें शामिल किया जाएगा।
बिना शुल्क जमा करें रिटर्न
जिन लोगों ने 2018-19 का रिटर्न विलंब शुल्क लगने के बाद भी जमा नहीं किया है, उनके लिए तारीख बढ़ी है। अभी तक रिटर्न जमा करने की तारीख 31 मार्च 2020 थी। इसमें पांच लाख रुपये तक के करदाताओं पर एक हजार रुपये विलंब शुल्क लगना था। पांच लाख से ऊपर वालों पर 10 हजार रुपये विलंब शुल्क लगना था।
-वेतनभोगी और कारोबारी दोनों ही तमाम तरह के निवेश करके टैक्स बचाने का प्रयास करते हैं। इस बार उन्हें मौका नहीं मिल पाया है। इसलिए उन्हें 30 जून तक इस वित्तीय वर्ष के निवेश करने की छूट दी गई है।
-संतोष गुप्ता, टैक्स सलाहकार।