सत्यम विहार में लोगों ने कूड़ाघर बने पार्क को फिर से कर दिया हराभरा
आबादी बढ़ने के साथ ही सत्यम विहार योजना के नाम से बने इस पार्क में लोगों ने अपने घरों का कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया।
जागरण संवाददाता, कानपुर : पर्यावरण मित्र बनने की कहानी सत्यम विहार आवास विकास कल्याणपुर के निवासियों से सीखी जा सकती है। यहां पर कूड़ाघर बने पार्क को लोगों ने हरियाली की मिसाल बना दी है। इसे पीपल वाले पार्क के नाम से भी जाना जाता है।
आबादी बढ़ने के साथ ही सत्यम विहार योजना के नाम से बने इस पार्क में लोगों ने अपने घरों का कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं घरों के निर्माण के दौरान बचने वाला मलबा भी लोगों द्वारा पार्क में ही डाल दिया जाता था। गंदगी और मलबा के चलते यहां बेसहारा जानवरों का जमावड़ा लगने लगा और बदबू के कारण आसपास के लोगों का रहना दूभर हो गया।
बदबू और बेसहारा जानवरों से परेशान लोगों ने पार्क को सुधारने का बीड़ा उठाया। लोगों ने खुद के साथ दूसरों को भी मलबा फेंकने से मना किया। इसके साथ ही साल 2014 में जन चेतना सेवा और विकास समिति का गठन हुआ। इसके अध्यक्ष रमाकांत श्रीवास्तव, सचिव डॉ. संजीव कुमार सिंह और कोषाध्यक्ष राजेश सक्सेना ने लोगों के साथ पार्क के विकास के लिए अफसरों की चौखट के चक्कर लगाए। पार्क को गोद लेकर संवराने की बात कहीं। इसके बाद सरकारी तंत्र के साथ ही लोगों ने मिलकर पार्क का सुंदरीकरण शुरू किया। अब क्षेत्रीय लोग ही पार्क का रखरखाव करते हैं। श्रीकांत, पदमकांत, हरि किशन, मृत्युंजय, अनुपम, अजय सक्सेना समेत अन्य क्षेत्र के लोग भी पार्क के सुंदरीकरण में श्रमदान जरुर करते हैं। डॉ संजीव कुमार का कहना है कि सबके सहयोग से कूड़ाघर कहलाने वाले पार्क की तस्वीर बदल दी। हर एक व्यक्ति के श्रमदान से आज यह खूबसूरत पार्क विकसित किया गया है। राजेश सक्सेना का कहना है कि इस पार्क को सबने कूड़ाघर बना दिया था। एक तरफ पर्यावरण को लेकर लोग परेशान थे, वहीं पार्क होने के बाद भी गंदा पड़ा था। रमाकांत श्रीवास्तव का कहना है कि हर कोई समय निकालकर श्रमदान के साथ आर्थिक मदद भी करता है। यहां सभी के सहयोग से पार्क विकसित हुआ है।