कानपुर में परिवहन सेवा पर दिखने लगा लॉकडाउन का असर, यात्री न मिलने से खड़ी हो गईं सौ रोडवेज बसें
लॉकडाउन से पहले झकरकटी व चुन्नीगंज से एक हजार बसों का आवगमन हो रहा था। गुजरात महाराष्ट्र व अन्य प्रदेशों से ट्रेनों व निजी बसों से आने वाले यात्री रोडेज बसों से अपने शहरों को जा रहे थे।
कानपुर, जेएनएन। साप्ताहिक बंदी से रोडवेज बसों के संचालन पर असर पड़ा है। यात्री न मिलने से रोडवेज घाटे में जा रहा है। यात्रियों की कम संख्या की वजह से सौ बसों को डिपो में खड़ा करा दिया गया है। मांग के मुताबिक बसों का संचालन शुरू किया जाएगा। फिलहाल रोडवेज बसों मेें बहुत कम नियमित यात्री सफर कर रहे हैं।
लॉकडाउन से पहले झकरकटी व चुन्नीगंज से एक हजार बसों का आवगमन हो रहा था। गुजरात, महाराष्ट्र व अन्य प्रदेशों से ट्रेनों व निजी बसों से आने वाले यात्री रोडेज बसों से अपने शहरों को जा रहे थे। कुछ दिनों पहले रोडवेज बसों से जाने के लिए मारामारी की नौबत बनी हुई थी। बस आते ही उनमें बैठने के लिए भीड़ उमड़ रही थी। इस दौरान शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं हो रहा था। कोरोना के चलते रोडवेज बसों में पचास फीसद से अधिक यात्री न बैठाने के निर्देश दिए गए। इसके बावजूद बसों का यह हाल था कि लोग घर पहुंचने की जल्दी में खड़े होकर सफर करने को तैयार थे। बसों सीटे भरने के बाद लोग दूसरी बस की तरफ दौड़ लगा रहे थे। झकरकटी बस अड्डे पर लगातार एंटीजन टेस्ट हो रहे थे और औसत 15 से 20 प्रवासी पॉजिटिव निकल रहे थे। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए रोडवेज बसों को दूसरे प्रदेशों में जाने से रोक दिया गया। प्रवासियों का आना भी कम हो गया। इसका असर बसों में यात्रियों की संख्या पर पड़ा। कुछ दिन पहले तक रायबरेली, प्रतापगढ़, वाराणसी व प्रयागराज के लिए भीड़ उमड़ रही थी, वह भी कम हो गई। अब बसों में यात्री नहीं मिल रहे है। ऐसे में सौ बसों को रोडवेज डिपो में खड़ा कर दिया गया है। यात्रियों को संख्या बढऩे पर बसों आवश्यक्तानुसार बसों का संचालन किया जाएगा।