Move to Jagran APP

स्नातक हैं और खोज करने की प्रतिभा रखते हैं तो आप बन सकते आइआइटी के रैंचो

उच्च शिक्षा ग्रहण न करने के बावजूद कुछ छात्र बेहतर खोज की ओर अग्रसर रहते हैं। उनकी प्रतिभा को निखारने की योजना आइआइटी ने तैयार की है।उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 03:07 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 03:07 PM (IST)
स्नातक हैं और खोज करने की प्रतिभा रखते हैं तो आप बन सकते आइआइटी के रैंचो
स्नातक हैं और खोज करने की प्रतिभा रखते हैं तो आप बन सकते आइआइटी के रैंचो

कानपुर (जागरण संवाददाता)। थ्री इडियट्स फिल्म में अभिनेता आमिर खान द्वारा निभाई गई रैंचो की भूमिका आपको याद तो होगी। जुगाड़ तकनीक से नए आविष्कारों को इसमें दिखाया गया। इसी तरह अब आइआइटी रैंचो तैयार करेगा। इसमें खास बात यह होगी कि नॉन इंजीनियङ्क्षरग युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें प्रबंधन और बाजार की जानकारी दी जाएगी। संस्थान के विशेषज्ञ उनकी बेहतर खोज को उद्यमिता विकास और स्टार्टअप तक पहुंचाएंगे।

loksabha election banner

ग्रामीण क्षेत्रों में तलाशेंगे प्रतिभा

विशेषज्ञों के मुताबिक ग्रामीण युवा सीमित संसाधनों में बेहतर करने का प्रयास करते हैं। चाहे वह सिंचाई के लिए बाइक का इंजन हो या फिर घूमने के लिए जेनरेटर को चार पहिए में तब्दील करना हो। उनमें कुछ नया करने की क्षमता रहती है। ऐसे युवाओं की प्रतिभा को तलाशा जाएगा।

इसके लिए जल्द होगी तैयारी

आइआइटी और डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) के संग मिलकर बीटेक, एमटेक, पीएचडी, बीई किए छात्रों के शोध, मॉडल और खोज को बढ़ावा देता आया है। इसमें काफी संख्या में छात्र-छात्राओं का फायदा हुआ है। कई आविष्कार को विदेशों में खास तौर से सराहा गया है। इन सबके बावजूद कुछ युवा ऐसे भी हैं, जो संस्थानों में उच्च शिक्षा ग्रहण न करने के बावजूद बेहतर खोज की ओर अग्रसर रहते हैं। उनकी प्रतिभा को और अधिक निखारने की प्लानिंग है।

स्नातक तक शिक्षित होना जरूरी

आइआइटी के प्रशिक्षण की पाठशाला में शामिल होने के लिए प्रतिभागी को पढ़ा लिखा होना चाहिए। इसके लिए कम से कम स्नातक की डिग्री जरूरी है। संस्थान के विशेषज्ञ उनका साक्षात्कार लेंगे। उनके आविष्कार को देखा जाएगा। शोध या आविष्कार काम करने वाला होना चाहिए। यह सिर्फ थीसेस या आइडिया पर निर्भर नहीं होगा। आइआइटी के इनक्यूबेशन हब इंचार्ज प्रो. अमिताभ बंद्धोपाध्याय बताते हैं कि नॉन टेक्निकल छात्रों के शोध, आविष्कार को भी बढ़ावा देने का निर्णय किया गया है। उन्हें पहले प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रबंधन और अन्य तकनीक सिखाई जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.