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आइआइटी कानपुर में लगेगा 1.3 पेटा फ्लॉप सुपर कंप्यूटर, सीडैक से ई-एमओयू साइन

सीडैक के सहयोग से नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन के अंतर्गत सुपर कंप्यूटर स्थापित होगा। इसके लिए आइआइटी-सीडैक के बीच करार हुआ है। केंद्रीय राज्यमंत्री संजय धौत्रे मौजूद रहे। यह पूरी तरह से मेक इन इंडिया से तैयार होगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 10:58 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 10:09 AM (IST)
आइआइटी कानपुर में लगेगा 1.3 पेटा फ्लॉप सुपर कंप्यूटर, सीडैक से ई-एमओयू साइन
आइआइटी कानपुर का परिसर । प्रतीकात्मक फोटो

कानपुर, जेएनएन। आइआइटी कानपुर में सबसे तेज स्पीड से चलने वाला 1.3 पेटा फ्लॉप सुपर कंप्यूटर परम संगणक स्थापित किया जाएगा। यह पूरी तरह से मेक इन इंडिया से तैयार होगा। अब तक देशभर के प्रौद्योगिकी और अन्य शिक्षण संस्थानों में इतनी अधिक तेजी से प्रोसेसिंग करने वाला पहला सुपर कंप्यूटर रहेगा। इसको स्थापित और संचालित करने के लिए आइआइटी कानपुर और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सीडैक) के बीच ई-एमओयू साइन हुआ।

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केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री संजय धौत्रे, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा, संयुक्त सचिव डॉ. राजेंद्र कुमार मौजूद रहे। यह स्थापना सुपर कंप्यूटिंग मिशन के अंतर्गत होगी। आइआइटी कानपुर में परम संगणक लगने से कई शिक्षण संस्थानों के शोधार्थियों, छात्रों और फैकल्टी को लाभ मिलेगा। इसको इंटरनेट के माध्यम से चलाया जा सकेगा। करार के दौरान आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, डीन आरएनडी प्रो. एआर हरीश और सीडैक के महानिदेशक डॉ. हेमंत दरबार उपस्थित रहे। आइआइटी रुड़की, आइआइटी मंडी, आइआइएससी बेंगलुरु के निदेशक भी मौजूद थे।

कंप्यूटर सेंटर में लगेगा परम संगणक

सुपर कंप्यूटर परम संगणक को संस्थान के कंप्यूटर सेंटर में लगाया जाएगा। इसके पार्ट्स स्थापित किए जा रहे हैं। सात से 10 दिन में टेस्टिंग शुरू कर दी जाएगी। आइआइटी में पहले से ही दो सुपर कंप्यूटर स्थापित है।

आइआइटी मंडी और रुड़की में लगेगा

कानपुर के बाद आइआइटी रुड़की, आइआइएससी बेंगलुरु में भी इतनी ही क्षमता का सुपर कंप्यूटर लगाया जाएगा। आइआइटी हैदराबाद, मंडी और गुवाहाटी में इससे कम स्पीड का सुपर कंप्यूटर स्थापित होगा।

प्राकृतिक आपदा अनुसंधान में होगा लाभ

प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि जलवायु परिवर्तन, भूकंप, मौसम, आकाश गंगा, जीवनचक्र आदि के अनुसंधान में सुपर कंप्यूटर की तेज गति की आवश्यकता रहता है। परम संगणक इसके लिए सटीक साबित होगा।


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