आइआइटी की टीम करेगी रनिया में डंप क्रोमियम का निस्तारण
15 मार्च तक टीम को बनाना है कई बिंदुओं पर रिपोर्ट।
जागरण संवाददाता, कानपुर : आइआइटी कानपुर देहात के रनिया स्थित खानचंद्रपुर गांव में डंप क्रोमियम का निस्तारण करेगा। आइआइटी की टीम ने मौके पर जाकर क्रोमियम के नमूने लिए हैं। अब 15 मार्च तक आइआइटी की टीम उप्र औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को यह बताएगी कि वह किस विधि से क्रोमियम का निस्तारण करेगी। क्रोमियम वहीं निस्तारित किया जाएगा या फिर कहीं और ले जाया जाएगा। दूसरी जगह ले जाते समय रास्ते में क्रोमियम न गिरे एवं खोदाई के समय वह हवा में न उड़े इसका क्या प्रबंध होगा? यह भी टीम बताएगी। खानचंद्रपुर में आधा दर्जन कंपनियों ने औद्योगिक इकाइयां लगा रखी थीं। इन कंपनियों ने ही वहां क्रोमियम डंप किया और बाद में कारखाना बंद कर दिया। शर्त के मुताबिक कंपनियों ने वहां से क्रोमियम का निस्तारण नहीं किया। बारिश के पानी में घुलने की वजह से क्रोमियम से भूगर्भ जल स्तर भी दूषित हुआ और आसपास के खेत भी बंजर हुए। दूषित पानी पीने से खानचंद्रपुर और आसपास के गांवों में बीमारियां भी फैलीं। इस समस्या पर जब एनजीटी में वाद दायर हुआ तो एनजीटी ने सुनवाई की। एनजीटी ने क्रोमियम निस्तारण का आदेश राज्य सरकार को दिया और 280 करोड़ रुपये का जुर्माना औद्योगिक इकाइयों के संचालकों पर लगाया।
शासन ने क्रोमियम निस्तारण की जिम्मेदारी उप्र औद्योगिक विकास प्राधिकरण को दी थी। प्राधिकरण प्रबंधन ने आइआइटी कानपुर को कंसलटेंट नामित किया है। आइआइटी ने अपनी पूरी कार्ययोजना प्रबंधन को सौंप दी है। वहां से नमूना ले लिया है। नमूना जांच के बाद ही निस्तारण की प्रक्रिया का निर्धारण होगा। प्राधिकरण के महाप्रबंधक अभियंत्रण संदीप चंद्रा ने बताया कि क्रोमियम निस्तारण का कार्य समय पर होगा। कैबिनेट से सड़क मंजूर, बजट आने पर शुरू होगा काम जासं, कानपुर : चकेरी के मवैया गांव में बनाए जा रहे न्यू चकेरी एयरपोर्ट को कानपुर-प्रयागराज हाईवे से जोड़ने के लिए पीडब्ल्यूडी की ओर से फोरलेन सड़क बनाई जाएगी। इसके बजट पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। न्यू चकेरी एयरपोर्ट की सड़क के लिए पीडब्ल्यूडी ने शुरुआत में दो लेन रोड का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा था। नागरिक उड्डयन सचिव ने सड़क को फोरलेन करने के लिए पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा था। इसके बाद अभियंताओं की टीम ने दोबारा सर्वे कर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर शासन को भेज दिया था। सालभर बाद कैबिनेट की ओर से सड़क के लिए मंजूरी मिल गई, लेकिन अभी तब बजट नहीं आ पाया है। सहायक अभियंता आरसी यादव ने बताया कि सड़क को फोरलेन करने के लिए शासन से अभी तक बजट नहीं मिल पाया है। बजट मिलने के बाद काम शुरू किया जाएगा।
उद्योगों को लगेंगे पंख
साढ़ गांव में उप्र एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना व रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर बनाया जाना है। ऐसे में यहां बड़े स्तर पर निवेश होंगे। इसके साथ ही उद्यमियों को दूसरे शहरों में आना व जाना आसान होगा।
प्रोजेक्ट पर एक नजर
लागत : 53 करोड़
लंबाई :2.75 किमी
चौड़ाई : फोरलेन
मुआवजा : 39 करोड़