IIT Kanpur के छात्रों को फेसबुक से क्यों हटाना पड़ा लेख, जानें-किसने जताई थी आपत्ति
जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के समर्थन में वोक्स पोपली जर्नलिज्म बॉडी ने पोस्ट की थी।
कानपुर, जेएनएन। आइआइटी प्रशासन के निर्देश पर छात्रों की जर्नलिज्म बॉडी 'वोक्स पोपली' ने जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के समर्थन में लिखा गया लेख फेसबुक पेज से हटा लिया है। लेख में एक नज्म पर आपत्ति जताई गई थी, वहीं मौन मार्च निकाले जाने के दौरान भड़काऊ स्लोगन पर भी शिकायत के बाद आइआइटी निदेशक ने जांच कमेटी गठित की थी।
आइआइटी कानपुर में 17 दिसंबर को छात्रों ने शांतिमार्च निकाला था। 21 दिसंबर को वोक्स पोपली ने फेसबुक पर लेख लिखकर ये स्पष्ट किया कि यह मार्च सिर्फ जामिया मिलिया के छात्रों के खिलाफ हुई कार्रवाई के विरोध में निकाला गया था। इसमें सांप्रदायिक रंग न दें। इसमें उर्दू शायर फैज अहमद 'फैज' की नज्म 'हम देखेंगे' का प्रयोग भी था। लेख पढ़कर आइआइटी के एक प्रोफेसर ने नज्म के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई और इसकी शिकायत निदेशक अभय करंदीकर से की।
बताया कि शांतिमार्च का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें 'तुम्हारी लाठी और गोली से तेज हमारी आवाज है' जैसे कई स्लोगन दिखाई दे रहे हैं। यह आपत्तिजनक हैं और संस्थान के माहौल के लिए ठीक नहीं है। इस पर निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी। वहीं आइआइटी प्रशासन के निर्देश के बाद छात्रों ने फेसबुक पेज से लेख हटा लिया है।