ट्रेन में सफर को सुरक्षित के साथ आरामदेह बनाने की दिशा में आइआइटी ने बढ़ाए कदम
रेलवे ने तकनीक और शोध कार्य बढ़ाने के लिए किया एमओयू साइन इंजन में लगाए जाएंगे कई तरह के सेंसर गड़बड़ी होते ही मिलेगा संदेश 2015 में रेलवे संस्थान के साथ एमओयू साइन हो चुका उस समय कुछ खास काम नहीं हुए
कानपुर, जेएनएन। प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर ट्रेनों के सफर को और अधिक सुरक्षित व सुविधाजनक बनाएगा। इंजन में कई तरह के सेंसर लगाए जाएंगे, जो किसी भी गड़बड़ी पर तुरंत संदेश भेजेंगे। रेलवे ट्रैक की मॉनीटरिंग का सिस्टम मजबूत होगा ताकि हादसे नियंत्रित किए जा सकें। इसके लिए संस्थान के विशेषज्ञ रेलवे इंजीनियर्स के साथ मिलकर शोध करेंगे। बुधवार को आइआइटी व रेलवे के बीच करार के साथ तकनीक और शोध कार्याें पर सहमति बनी।
ऑनलाइन एमओयू पर रेल मंत्रालय की प्रधान कार्यकारी निदेशक अलका अरोड़ा मिश्रा और आइआइटी के डीन आरएंडडी प्रो. एआर हरीश ने हस्ताक्षर किए। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष व सीईओ विनोद कुमार यादव, आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, दक्षिणी रेलवे के महाप्रबंधक वशिष्ठ जौहरी, रेलवे अनुसंधान केंद्र के प्रो. आर हेगड़े समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। प्रो. करंदीकर ने बताया कि वर्ष 2015 में रेलवे संस्थान के साथ एमओयू साइन कर चुका है, लेकिन उस समय कुछ खास काम नहीं हुए। अब रेलवे अनुसंधान और विकास में तेजी लाने के लिए आइआइटी संग काम करना चाहता है।
मॉनीटरिंग सिस्टम होगा मजबूत
प्रो. करंदीकर के मुताबिक इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर आधारित मॉनीटरिंग सिस्टम विकसित होगा। जिससे ट्रेनों के संचालन, रेलवे ट्रैक की निगरानी, विद्युत सुरक्षा आदि पर काम किया जाएगा।
सी-डैक के साथ करार आज संस्थान गुरुवार को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) के साथ करार करने जा रहा है। इस करार के बाद नेशनल सुपर कंप्यूटर की सुविधा को और उच्चीकृत करने पर काम होगा।