आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बेहतर होगी जन शिकायत प्रणाली, आइआइटी के प्रोफेसर ने पीएम को दी जानकारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो दिन पहले ट्वीट करके जनता से सुझाव मांगे थे जिसमें आइआइटी के प्रोफेसर ने जन शिकायत प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को माध्यम को उपयोगी बताते हुए जानकारी दी है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस लोगों की शिकायतों का विश्लेषण करके शासन को नीतिगत निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइआइटी ई-गवर्नेंस प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए तकनीक के आधार पर उपकरण विकसित करने की क्षमता रखता है। लिहाजा सरकार आइआइटी की मदद से प्रणाली को बेहतर कर सकती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से ट्वीट करके मांगे गए सुझावों के क्रम में आइआइटी के गणित एवं साख्यिकीय विभाग के प्रोफेसर शलभ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सुरक्षा प्रणाली को भी मेडिकल और इंजीनियरिंग साइंस की जरूरत है। आइआइटी के पास यह क्षमता है कि वह ईको सिस्टम को बढ़ाने के लिए ऐसे क्षेत्र में योगदान दे सकता है। पिछले दिनों इसी विजन पर संस्थान में स्कूल आफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलाजी (एसएमआरटी) परियोजना की स्थापना की गई थी।
मीनाक्षी ने ट््वीट करके मेडिकल कालेजों में फार्माकोलाजी व माइक्रोबायलोजी में एमएससी पीएचडी की मान्यता रद होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने लिखा है कि अनुबंध में पहले से कार्यरत लोगों का भाग्य अंधकारमय है। निजी मेडिकल कालेज भी मदद नहीं कर सकते, क्योंकि उनके हाथ बंधे हुए हैं। सभी शोधार्थी लड़ रहे हैं और मामला कोर्ट में है। कुल मिलाकर शनिवार तक प्रधानमंत्री को सुझाव देने वालों की संख्या 127 हो गई। साथ ही करीब 4080 लोगों ने रिट््वीट किया है।