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IIT Kanpur Invention : अब स्मार्ट कपड़े रखेंगे आपकी सेहत का ख्याल, बताएंगे हार्ट और पल्स रेट

आइआइटी कानपुर में स्मार्ट वाच की तरह कपड़ों का डिजाइन तैयार किया है।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 01:55 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 09:47 AM (IST)
IIT Kanpur Invention : अब स्मार्ट कपड़े रखेंगे आपकी सेहत का ख्याल, बताएंगे हार्ट और पल्स रेट
IIT Kanpur Invention : अब स्मार्ट कपड़े रखेंगे आपकी सेहत का ख्याल, बताएंगे हार्ट और पल्स रेट

कानपुर, [विक्सन सिक्रोडिय़ा]। स्मार्ट वॉच आपने देखी होगी, कलाई पर बंधने वाली यह घड़ी आपकी पल्स रेट के साथ-साथ हृदय की धड़कन के बारे में भी बताती है। आप कितना चले, कितनी कैलोरी बर्न की इसकी जानकारी के साथ-साथ आने वाले फोन कॉल, मैसेज आदि की जानकारी भी आसानी से मिल जाती है। वॉच की तरह ही अब आपके कपड़े भी स्मार्ट होंगे। सेना के साथ-साथ मेडिकल के क्षेत्र में यह अपने आप मेें अनूठा प्रयोग होगा। अब तक यह समस्या थी स्मार्ट कपड़ों में लगे सेंसर और डिवाइस को ऊर्जा कैसे दी जाए। आइआइटी कानपुर ने इस मुश्किल को आसान कर दिया है। यहां के प्रोफेसर और पीएचडी छात्रों ने ऐसी फ्लेक्सिबल लीथियम बैटरी बनाई है जो जरा सी जगह में पर्याप्त ऊर्जा देने में सक्षम है।

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प्रयोगशाला में सफल रहा परीक्षण

मैकेनिकल इंजीनियङ्क्षरग विभाग के प्रो. कमल कृष्णाकर, प्रो. जे रामकुमार व पीएचडी के छात्र किरण कुमार सुरथी ने डेढ़ साल की मेहनत के बाद इस बैटरी को बनाया है। आइआइटी की प्रयोगशाला में स्मार्ट क्लॉथ पर इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है। प्रो. कमल कृष्णाकर ने बताया कि बैटरी से स्मार्ट कपड़ों में लगे सेंसर व डिवाइस संचालित किए जा सकते हैं। मसलन मेडिकल के क्षेत्र में स्मार्ट कपड़ों में लगी बैटरी से संचालित सेंसर के जरिए शरीर की विभिन्न छोटी-छोटी जांचें की जा सकती हैं। सेंसर इनकी रिपोर्ट डॉक्टर के पास भी भेज सकता है, ताकि वह मरीज को परामर्श दे सकें।

सेना के काम भी आएगी बैटरी

स्मार्ट कपड़ों में लगने के साथ-साथ ये बैटरी सेना के काम भी आएगी। दरअसल मिशन के दौरान सैनिकों को जंगल व पहाड़ों के बीच लंबे समय तक रहना पड़ता है। ऐसे स्थान पर बिजली नहीं होती इसलिए उन्हें बैटरी का सहारा लेना पड़ता है। वहां तक भारी वजन की बैटरी ले जाने में सैनिकों के पसीने छूट जाते हैं। आइआइटी में ईजाद की गई बैटरी का वजन अन्य के मुकाबले में 80 फीसद तक कम है। ये वो सभी उपकरण चलाने में सक्षम हैं, जिनकी सैनिकों को जरूरत होती है।

ऑटोमोबाइल से लेकर एयरोस्पेस तक हो सकती है इस्तेमाल

प्रो. जे रामकुमार ने बताया कि कैथोड, एनोड व इलेक्ट्रोड की सहायता से बनी इस बैटरी को पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस, पावर ग्रिड व रक्षा उपकरणों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका पेटेंट हो चुका है। अब अन्य उत्पाद बनाने की तैयारी चल रही है।


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