वायु प्रदूषण कम करने का फार्मूला निकालने के लिए IIT Kanpur ने बढ़ाए कदम
यूनाइटेड नेशन इनवायरमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत चार दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सीपीसीबी के अधिकारी पर्यावरण विशेषज्ञ और वैज्ञानिक शामिल होंगे और वायु प्रदूषण के कारकों की मानीटरिंग को लेकर विचार विमर्श करेंगे ।
कानपुर, जेएनएन। वायु प्रदूषण के मुद्दे पर देश ही नहीं दुनिया भर के वैज्ञानिक और पर्यावरण विशेषज्ञ चिंतित हैं। वायुमंडल में हवा की गुणवत्ता ठीक रखने को लेकर बहस छिड़ी हुई है। हर कोई अपने तरीके से समस्या को दूर करने का सुझाव दे रहा है। वैज्ञानिक, पर्यावरण और मौसम पर शोध के अनुसार रिपोर्ट पेश की जा रही हैं। अब आइआइटी ने भी इसको लेकर फार्मूला निकालने को कदम बढ़ाए हैं।
आइआइटी में शनिवार से वायु गुणवत्ता सूचकांक, वायु प्रदूषण के कारकों की मानीटरिंग, उनके आकलन को लेकर विचार विमर्श की शुरुआत हुई है। यहां यूनाइटेड नेशन इनवायरमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी (सीपीसीबी), पर्यावरण विशेषज्ञ और कई शहरों के तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं। पहले दिन उत्तर प्रदेश सरकार के सलाहकार, प्रमुख सचिव पर्यावरण समेत अन्य अधिकारी जुड़े थे।
संस्थान की ओर से कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी जा रही हैं। सिविल इंजीनियङ्क्षरग विभाग के विशेषज्ञ इसमें सहयोग कर रहे हैं। संस्थान के विशेषज्ञों के मुताबिक, वेबिनार में एक्शन प्लान पर चर्चा हो चुकी है। हवा में मौजूद दूषित कारकों के आकलन की व्यवस्था को और विस्तारित करने पर मंथन चल रहा है। दूषित कण कितनी दूर से आ रहे हैं, उनके पीछे पर्यावरणीय कारण क्या हैं। इन सभी पर काम करने की जरूरत पर बल दिया गया है।
सरकार के पास जाएगा ब्योरा
वेबिनार में आए सुझावों का ब्योरा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण संबंधित जानकार प्रदेश सरकार को भेजेंगे। इन पर शासन काम कर सकता है या फिर एक्शन लेने की रूपरेखा बन सकती है।