IIT Kanpur के सहायक कुलसचिव ने फांसी लगाकर जान दी, बेटे के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से डिप्रेशन में थे
असम मूल के निवासी प्रोफेसर आइआइटी कानपुर के आवासीय परिसर में परिवार के साथ रह रहे थे। बड़े बेटे के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद डिप्रेशन में जाने पर उनका इलाज पहले दिल्ली और फिर कानपुर में कराया जा रहा था।
कानपुर, जेएनएन। आइआइटी कानपुर में सहायक कुलसचिव ने आवासीय परिसर स्थित अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। बेटे के कोरोना पाॅजिटिव होने और दवाओं से फायदा न मिलने से वह डिप्रेशन में थे। सुबह घटना की जानकारी होने पर पत्नी व परिवार सहम गया। पुलिस ने घटना की छानबीन शुरू की है और परिवार से भी पूछताछ कर रही है।
मूलरूप से असम के रहने वाले 40 वर्षीय सुरजीत दास आइआइटी कानपुर में सहायक कुलसचिव के पद पर कार्यरत थे। आइआइटी में आवासीय परिसर में मकान में वह पत्नी बुलबुल दास और दो बेटों छह वर्षीय शोभित और डेढ़ वर्षीय सुनियोजित के साथ रहते थे। पुलिस के मुताबिक छोटा बेटा सुनियोजित पिछले माह कोरोना पॉजिटिव हो गया था, जिसे लेकर सुरजीत डिप्रेशन का शिकार हो गए। बेटे के ठीक होने के बाद मानसिक अवसाद के चलते सुरजीत का इलाज दिल्ली में चल रहा था। उपचार से फायदा न मिलने पर सुरजीत कानपुर के होम्योपैथिक डॉक्टर से इलाज करा रहे थे। सुरजीत लगातार डिप्रेशन में थे और दवाओं का फायदा नहीं मिल रहा था।
सोमवार की रात परिवार के साथ खाना खाने के बाद वह कमरे में सोने चले गए। देर रात वह फिर बाहर आए और डाइनिंग टेबल पर खड़े होकर रस्सी के सहारे पंखे से फांसी लगा ली। सुबह नींद से जागी पत्नी बुलबुल पति काे फंदे पर लटकता देख अवाक रह गई। उनकी चीख पुकार सुनकर पड़ोसियों को घटना की जानकारी हुई और आइआइटी सिक्योरिटी को बुलाया। फांसी के फंदे से उन्हें उतारकर तुरंत अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया। कल्याणपुर थाने के इंस्पेक्टर वीर सिंह ने बताया कि आइआइटी परिसर में घटना हुई है, परिवार से बात करने पर सुरजीत के डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है। अन्य बिंदुओं को लेकर भी परिवार से दोबारा पूछताछ की जाएगी। कल्याणपुर एसीपी दिनेश कुमार शुक्ला ने बताया कि घटनास्थल की फॉरेंसिक जांच भी कराई जा रही है, कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। आत्महत्या के कारणों को लेकर परिवार से पूछताछ की जाएगी।