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आइआइटी कानपुर करेगा यूपी पुलिस का काम आसान, विशेषज्ञ विकसित कर रहे तकनीक

आइआइटी कानपुर और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच पिछले वर्ष हुए करार के तहत जल्द तकनीक पर काम शुरू हो सकता है पिछले माह एडीजी स्तर के अधिकारी और आइआइटी विशेषज्ञों के बीच वार्ता भी हो चुकी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 10:56 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 05:53 PM (IST)
आइआइटी कानपुर करेगा यूपी पुलिस का काम आसान, विशेषज्ञ विकसित कर रहे तकनीक
यूपी पुलिस के लिए आइआइअी कानपुर देगा तकनीक।

कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। तकनीक विकसित कर पुलिस को और बेहतर बनाने के लिए आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर और तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह के बीच पिछले वर्ष हुए करार के तहत अब काम शुरू होने जा रहा है। इसमें फॉरेंसिक साइंस, साइबर अपराध, डेटा ट्रांसफर, थानों का आधुनिकीकरण आदि शामिल हैं। सबसे पहले ऐसी वारदातों के लिए तकनीक विकसित की जा रही हैं, जिनमें पुलिस को अधिक समय लगता है। सबसे प्रमुख कॉल डिटेल, डेटा फिल्टरेशन, अकाउंट के लेनदेन की जानकारी हासिल करनी है। 

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आइआइटी के विशेषज्ञ सॉफ्टवेयर विकसित करेंगे, जिससे पुलिस के लिए अपराधियों की गर्दन दबोचना आसान होगा। अपराध और अन्य घटनाओं के राजफाश के लिए पुलिस अपराधियों की कुंडली खंगालती है। मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल, ट्रांजेक्शन आदि से सुराग तलाशे जाते हैं। अपराधी ने किससे और कब बात की, यह जानकारी जुटाने के लिए डेटा फिल्टरेशन करना पड़ता है। कई बार काफी समय लग जाता है और अपराधी फरार होने में कामयाब रहता है। इस समस्या को आइआइटी के गणित विभाग के विशेषज्ञ दूर करेंगे। ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया जाएगा, जिससे अपराधियों का पूरा ब्योरा कंप्यूटर पर एक क्लिक पर सामने होगा। इसमें ऐसे फीचर्स जोड़े जाएंगे जिससे जब जरूरत हो तो मोबाइल की कॉल डिटेल, बैंक डिटेल तत्काल सामने आ जाए। पिछले महीने एडीजी स्तर के अधिकारी आइआइटी का दौरा कर चुके हैं।

स्टेटिस्टिक्स पर आधारित होगा सॉफ्टवेयर

आइआइटी के गणित और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंगग विभाग के विशेषज्ञ मिलकर सॉफ्टवेयर और मैथमेटिकल मॉडल विकसित करेंगे, जो स्टेटिस्टिक्स (सांख्यिकी) और परम्यूटेशन एंड कंबीनेशन पर आधारित रहेगा। इसमें संभावित जानकारियां बिल्कुल सामने आ जाएंगी, जिससे सुराग मिलना बेहद आसान रहेगा।

पुलिसकर्मियों को लेना होगा प्रशिक्षण

मैथमेटिकल मॉडलिंग को समझने और उस पर डेटा फीड करने के लिए पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण लेना होगा। संस्थान के विशेषज्ञ तकनीकी जानकारी देंगे। यह प्रशिक्षण कोविड संक्रमण खत्म होने पर शुरू हो सकता है।

आइआइटी कानपुर और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच तकनीक विकसित की जाएगी। कई कार्यों को लेकर बातचीत चल रही है। जल्द ही और भी बेहतर पुलिसिंग के लिए आधुनिक सिस्टम तैयार किया जाएगा। -प्रो. अभय करंदीकर, निदेशक आइआइटी कानपुर


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