जांच की रफ्तार तय करेगी कोरोना का सामुदायिक प्रसार, प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल बोले- इस वजह से नहीं हो रहा सही आंकलन
आइआइटी के गणितीय सूत्र माडल के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर अभी चरम पर है। कर्नाटक और गुजरात के आंकड़े बदलने से चरम स्थिति में बदलाव हुआ है। साथ ही जांच न कराने की वजह से सही डाटा सामने नहीं आता है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण सामुदायिक प्रसार की स्थिति में है या नहीं, इसका आकलन जांच का दायरा बढ़ने और उसके आंकड़े सामने आने पर हो सकेगा। लक्षण होने के बावजूद तमाम लोग जांच कराने नहीं जाते। इसके चलते सटीक डाटा सामने नहीं आ पाता है। हालांकि वर्तमान में देश भर में कोरोना की तीसरी लहर चरम पर है, यह कुछ दिन में सामने आ जाएगा। यह कहना है गणितीय सूत्र माडल से कोरोना के प्रसार का आकलन करने वाले पद्मश्री से सम्मानित आइआइटी के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल का।
प्रो. अग्रवाल ने पिछले दिनों भविष्यवाणी की थी कि 23 जनवरी को देश में कोरोना की तीसरी लहर चरम पर होगी। सोमवार को उन्होंने बताया कि कुछ राज्यों में चरम की स्थित पहले ही आ चुकी है और कुछ राज्यों में आनी बाकी है। रविवार को कर्नाटक में तीसरी लहर चरम पर पहुंचने का अनुमान था, लेकिन आंकड़ों में बदलाव होने के कारण इसमें कुछ अंतर आया है। कर्नाटक में चरम स्थिति पहुंचने में कुछ वक्त लगेगा। हालांकि बेंगलुरू में चरम की स्थिति हो चुकी है। उत्तराखंड और हिमाचल में आकलन सही रहा। गुजरात में सूत्र माडल ने 19 जनवरी को कोरोना संक्रमण चरम पर पहुंचने की भविष्यवाणी की थी। हालांकि इसके आंकड़ों में कुछ बदलाव हुआ है। राजस्थान में 20 जनवरी को चरम की स्थिति होने का आंकलन था, लेकिन अभी कुछ और दिनों के डाटा की जरूरत पड़ेगी।
मध्य प्रदेश में आज चरम पर हो सकती तीसरी लहर
उनके मुताबिक मध्य प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर 25 जनवरी को चरम पर हो सकती है। इसी तरह असम में 27, जम्मू-कश्मीर में 28 जनवरी को चरम स्थिति हो सकती है। केरल में यह स्थिति सात फरवरी को आ सकती है। इस दौरान एक लाख मामले रोजाना आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि जांचें बढऩे पर ग्राफ बदल सकता है। जांच की रणनीति बदलने के साथ संक्रमितों की संख्या बदलती है। रणनीति स्थिर होने पर सामने आने वाले आंकड़ों से फिर नया आकलन होता है।
कोरोना के साथ रहना सीखना होगा
स्कूल कालेज खोलने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि छात्रों को संक्रमण से बचाना है तो कालेजों को बंद करना होगा। कोरोना वायरस कहीं नहीं जा रहा है। लोगों को इसके साथ ही रहना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि कालेज के कितने छात्रों में संक्रमण के कारण गंभीर बीमारी हुई, यह देखना होगा। जब स्कूल खुलेंगे तो छात्र संक्रमित होंगे और वायरस घर ले जाएंगे। लिहाजा लोगों को सतर्क रहने और कोविड नियमावली का पालन करने की जरूरत है।