आइआइएसएफ के आयोजन से एक दिन पूर्व वर्चुअल कर्टेन रेजर का हुआ आयोजन, केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहीं ये बातें
आइआइटी कानपुर में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का वर्चुअल कर्टेन रेजर आयोजित। दिल्ली में मंगलवार से ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल। फाइव जी नेटवर्क डिफेंस सिस्टम ड्रोन मॉडलिंग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में शोध की भूमिका बताई।
कानपुर, जेएनएन। इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्सव की तरह से है। इसकी शुरूआत 2015 से हुई और हर साल इसका आयोजन किया गया। मौजूदा वर्ष में फेस्टिवल कोविड संक्रमण के चलते वर्चुअल तरीके से आयोजित हो रहा है। यह बातें केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विज्ञान और तकनीक, पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहीं। वह सोमवार को इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आइआइएसएफ) के आयोजन से एक दिन पूर्व उसके ऑनलाइन कर्टेन रेजर कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम की मेजबानी आइआइटी कानपुर ने की।
भारत के प्रौद्योगिकी और विज्ञान के योगदान के विषय में भी बोले केंद्रीय मंत्री
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण काल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने अपनी महत्वता दिखाई है। दुनिया भर में संक्रमण रोकने के लिए कई तरह के शोध हुए हैं। कोविड की वैक्सीन पर काम चल रहा है। देश के तकनीकी संस्थानों ने भी एक से बढ़कर एक शोध करके अपनी जिम्मेदारी निभाई है। प्रधानमंत्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को आगे ले जाने के लिए प्रयासरत हैं। ऐसा इको सिस्टम विकसित हुआ है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। आइआइएसएफ 2020 मंगलवार से शुरू होकर शुक्रवार तक चलेगा। इसका मुख्य मकसद विज्ञान और प्रौद्योगिकी से आम आदमी को जोडऩा है। इसमें आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया और देश की अपनी तकनीक की ताकत दिखाई जाएगी। कार्यक्रम की शुरूआत उप निदेशक प्रो. एस गणेश ने की। विज्ञान भारती के महासचिव डॉ. सुनील मिश्रा और नेशनल आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी जयंत सहस्रबुद्धे ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड के सचिव प्रो. संदीप वर्मा, नेशनल सेंटर फॉर फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रो. एस पंडा, सिविल इंजीनियरिंग के प्रो. तरुण गुप्ता आदि ने जानकारी दी। निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने देश के विकास में तकनीक और अनुसंधान के योगदान के बारे में बताया। फाइव जी नेटवर्क, डिफेंस सिस्टम, ड्रोन, मॉडलिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में शोध की भूमिका बताई।
संस्थान की तकनीक की जानकारी दी
डीन आरएंडडी प्रो. एआर हरीश ने आइआइटी के शोध और पेटेंट की जानकारी दी। उन्होंने फ्लाइंग टैक्सी, इनवेसिव वेंटीलेटर, स्मार्ट बैग, फूलों से अगरबत्ती, साइबर सिक्योरिटी हब, थर्मल एनर्जी स्टोरेज सिस्टम, नेशनल क्वालिटी इंडेक्स, सेंटर फॉर गंगा रिवर बेसिन मैनेजमेंट स्टडीज, जीरो डिस्चार्ज टायलेट, मूकइट, एग्रोपीडिया आदि शामिल हैं।