ई-समिट में एक मंच पर आए उद्यमी और शिक्षाविद, जानिए- क्या है उद्यमिता के चार खास मंत्र
कानपुर आइआइटी में दैनिक जागरण के सहयोग से आनलाइन ई-समिट शुरू हुई जिसमें डच बैंक लैंडमार्क ग्रुप व सोनी टेलीविजन के अधिकारियों तथा उद्यमियों ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए अपने सुझाव भी दिए ।
कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के ई-सेल की ओर से ई-समिट 21 का आनलाइन शुभारंभ हो चुका है। शनिवार को संस्थान के विशेषज्ञों के साथ ही उद्यमियों व कंपनी के अधिकारियों ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए अपने सुझाव रखे। शुभारंभ निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने किया और गत 13 वर्षों में एसआइआइसी व ई-सेल के कार्यों की जानकारी दी।
दैनिक जागरण के सहयोग से आनलाइन आयोजित हो रहे ई-समिट कार्यक्रम में कई उद्यमी और विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं। निदेशक ने बताया कि संस्थान में एक वर्ष में 100 से अधिक स्टार्टअप इनक्यूबेट किए गए हैं। आइआइटी एकमात्र संस्थान है, जिसने छात्र उद्यमिता नीति (एसईपी) लागू की। डीन आफ स्टूड़ेंट वेलफेयर डा. सिद्धार्थ पांडा ने बताया कि नोकार्क रोबोटिक्स आइआइटी का इन्क्यूबेटेड स्टार्टअप है, जिसने कोरोना काल में स्वदेशी व सस्ते वेंटिलेटर नोका-वी 110 को विकसित किया। इससे हजारों लोगों की जान बचाई गई। ई-सेल के फैकल्टी सलाहकार प्रो. अमिताभ बंद्योपाध्याय ने बताया कि संस्थान के इन्क्यूबेशन सेंटर से तीन राष्ट्रीय ब्रांड फूल, नोकार्क व स्वासा स्थापित हुए हैं, जिन्होंने एक बिलियन अमेरिकी डालर के संयुक्त मूल्यांकन बिंदु को भी पार कर लिया है।
उद्यमिता के बताए चार मंत्र : डच बैंक ग्रुप के सीआइओ श्रीकांत गोपालकृष्णन और लैंडमार्क ग्रुप के सीईओ श्रीकांत गोखले ने भी अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि लीक से हटकर सोचने से विकास की राह आसान होती है। सोनी इंटरटेनमेंट टेलीविजन के सह-संस्थापक जयेश पारेख और इन्वेंटस कैपिटल पार्टनर्स के एमडी मनु रेखी ने छोटे व्यवसायों का हवाला देते हुए उद्यमिता के प्रसार पर जोर दिया। उन्होंने उद्यमिता के चार मंत्र बताए, जिसमें कार्यकारी निर्णय, दीर्घकालिक सोच, एक से अधिक कार्यों में संतुलन और हार न मानने की इच्छाशक्ति शामिल हैं।
ब्लाकचेन तकनीकी के विकास पर हुई चर्चा : दूसरे दिन सात सत्र और पैनल चर्चा का आयोजन हुआ। इसमें फायरसाइड चैट, कार्यशाला व शोध विकास, उद्यमिता, प्रौद्योगिकी, वित्त, ब्लाकचेन और क्रिप्टोकरेंसी को कवर करने वाली स्टार्टअप, पिच प्राइम, बिजक्विज और ट्रेजर हंट जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। प्रो. अमिताभ बंद्योपाध्याय, डा. अभिषेक व आइआइटी स्थित क्रुबेन के सह संस्थापक तन्मय यादव ने अनुसंधान व विकास में उतार-चढ़ाव की जानकारी दी। डच बैंक के उपाध्यक्ष मनप्रीत भुई ने बिटक्वाइन ब्लाकचेन के विकास पर प्रकाश डाला। जोहो क्रिएटर की ओर से लो-कोड वातावरण का उपयोग करके स्वयं का एप्लिकेशन विकसित करने में मदद की गई। निनाद करपे, जय विक्रम बख्शी, अनिल जोशी, ऋषि देसाई, महेश रामचंद्रन ने वेंचर कैपिटल निवेश के बारे में समझाया। डच बैंक के संकेत मेहता ने बाजार के वित्तीय सूचकांक पढऩे के तरीके बताए। साकेत मोदी, मुकल वर्मा व रंजीत मुकुंदन ने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए।