शुक्लागंज के पुराने गंगापुल की जांच के लिए CRRI और IIT को लिखा गया पत्र, विशेषज्ञों की एक टीम पहले ही कर चुकी निरीक्षण
Shuklaganj Ganga Bridge News पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता मुकेश चंद्र शर्मा का कहना है कि टीम ने पिलरों को बाहरी हिस्से को देखा है। अंदरूनी रूप से पिलर और भी कमजोर हो सकता है। इसलिए आइआइटी के साथ ही सीआरआरआइ(सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट) को पत्र लिखा गया है।
कानपुर, जेएनएन। Shuklaganj Ganga Bridge News शुक्लागंज को कानपुर से आने जोड़ने वाले पुराने गंगापुल को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। अब इसकी जांच के लिए सीआरआरआइ और आइआइटी को पत्र लिखा गया है। दरअसल, ब्रिटिश शासनकाल में बना पुराना गंगापुल मियाद खत्म होने के बाद भी वाहनों को भार सह रहा था, समय पर अधिकारी इसकी मरम्मत कराते तो ऐसी स्थिति ही न आती। परंतु देखरेख के अभाव में पिलर की बेल्ट खुलने लगीं और दरारें आने लगी हैं। गंगापुल के लिए गठित जांच कमेटी के सदस्यों का मानना है कि 15 दिन भी पुल में वाहनों का आवागमन हुआ तो पुल गिर जाएगा। इस वजह से कमेटी की रिपोर्ट पर डीएम ने बंद करने के आदेश दिये थे। बीते शुक्रवार को शुक्लागंज व कानपुर की ओर से आने वाले रास्ते में पीडब्ल्यूडी ने दीवार चुनवा कर इसे अनिश्चिकाल के लिए बंद करना फैसला लिया।
इनका ये है कहना: पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता मुकेश चंद्र शर्मा का कहना है कि टीम ने पिलरों को बाहरी हिस्से को देखा है। अंदरूनी रूप से पिलर और भी कमजोर हो सकता है। इसलिए आइआइटी के साथ ही सीआरआरआइ(सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट) को पत्र लिखा गया है। वहां से विशेषज्ञों की टीम गहनता से जांच रिपोर्ट के बाद कोई फैसला लिया जाएगा।
कैंट में उड़ती धूल से परेशान हैं लोग: नवीन गंगापुल से शहर को आने वाला रास्ता निर्माणाधीन झाड़ी बाबा पड़ाव पुल की वजह से टूटा हुआ है। इससे वाहनों का ज्यादा आवागमन होने से जाम और धूल बहुत उड़ती है। इससे लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।