IIT Kanpur का आक्सीजन कंसंट्रेटर देगा जीवन, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने दी मंजूरी
आइआइटी के पूर्व छात्रों की बनाई कंपनी इस माह के अंत तक ओएनजीसी को साढ़े पांच हजार कंसंट्रेटर सौंपेगी इसके लिए कुछ माह पहले आर्डर दिया गया था। पहले भी कुछ अस्पतालों में कंपनी कंसंट्रेटर लगा चुकी है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पहले तैयारियों के क्रम में आइआइटी लगातार अपने कदम बढ़ा रहा है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर में बने आक्सीजन कंसंट्रेटर आने वाले समय मेें जीवनरक्षक साबित होंगे। पूर्व छात्रों द्वारा बनाए आक्सीजन कंसंट्रेटर को केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग मंजूरी दे चुका है। वहीं संस्थान कई अस्पतालों से करार कर रहा है और दो माह पहले मिले ऑडर के तहत ओएनजीसी को भी इस माह के अंत तक साढ़े पांच हजार आक्सीजन कंसंट्रेटर भेज दिए जाएंगे। इसके अलावा पहले ही कुछ अस्पतालों में कंसंट्रेटर लगाया जा चुका है।
एक मिनट में बनाता दस लीटर ऑक्सीजन
यह कंसंट्रेटर आइआइटी की इंक्यूबेटेट कंपनी इंंडिमा फाइबर ने बनाया है। पूर्व पीएचडी छात्र व कंसंट्रेटर बनाने वाले डा. संदीप पाटिल व डा. सुनील डोले के अलावा महाराष्ट्र के एक निजी तकनीकी कालेज से एमटेक करने वाले तुषार वाग ने साल भर के शोध के बाद इसे तैयार किया था। डा. संदीप ने बताया कि कंसंट्रेटर के उत्पादन के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है। ओएनजीसी से पहले उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व दिल्ली के कई उद्यमियों को आर्डर पर तीन हजार कंसंट्रेटर दिए जा चुके हैं। इनमें कई का प्रयोग दूसरी लहर के दौरान भी हुआ था। यह कंसंट्रेटर एक मिनट में 10 लीटर आक्सीजन बनाता है। कीमत 85 हजार रुपये है।
आइआटी में बन रही आक्सीजन प्लांट की तकनीक : आइआइटी में इंक्यूबेटेड आठ कंपनियां स्वदेशी तकनीक से आक्सीजन प्लांट और आक्सीजन जेनरेटर बना रही हैं। इनसे जल्द ही प्रोडक्शन चालू हो जाएगा। इसमें कई संस्थाएं और पुरातन छात्र सहयोग कर रहे हैं।
आइआइटी में चल रही तैयारी : कोरोना के भविष्य के खतरे को देखते हुए आइआइटी कानपुर में तैयारियां जारी हैं। देशभर में नए आक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी के बीच संचालन के लिए प्रशिक्षित स्टाफ तैयार करने के लिए आइआइटी पहले ही कदम बढ़ा चुका है। संस्थान के विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता विकास मंत्रालय के सहयोग से आनलाइन कोर्स बनाया है। इसके जरिए ऑक्सीजन प्लांट संचालन सीखकर मास्टर ट्रेनर स्टॉफ तैयार कर सकेंगे।