बायो-बबल में आज होगा आइआइटी का दीक्षा समारोह, तैयारी पूरी
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रदान करेंगे विशिष्ट हस्तियों को मानद उपाधि और पांच विद्यार्थियों को मेडल
जासं, कानपुर : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) का दीक्षा समारोह मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे से शुरू होगा। हाइब्रिड मोड में आयोजित होने वाले इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे और तीन प्रसिद्ध हस्तियों भौतिकी वैज्ञानिक प्रो. रोहिणी एम गोडबोले, इंफोसिस के सह संस्थापक सेनापथी क्रिस गोपालकृष्णन और शास्त्रीय गायक पद्मश्री पंडित अजय चक्रवर्ती को मानद उपाधि देंगे। साथ ही सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले संस्थान के पांच प्रमुख विद्यार्थियों को मेडल प्रदान करेंगे। आइआइटी प्रशासन की ओर से अतिथियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बायो-बबल तैयार किया गया है। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर विशिष्ट अतिथि होंगे।
आइआइटी का दीक्षा समारोह पिछले वर्ष वर्चुअल मोड में आनलाइन आयोजित किया गया था। इस वर्ष व्यक्तिगत रूप से अतिथि व छात्र शामिल होंगे। हालांकि कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए अतिथियों व छात्रों की संख्या अपेक्षाकृत कम होगी। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर समारोह में भाग लेने वाले छात्रों, गणमान्य व्यक्तियों और मेहमानों की सुरक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। संस्थान ने समारोह से एक दिन पहले सभी लोगों का आरटीपीसीआर टेस्ट कराया। कार्यक्रम स्थल के लिए गेट खोलने से पहले मंगलवार सुबह एक बार फिर से रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया जाएगा। इसके बाद उन अतिथियों व गणमान्य लोगों से बाहरी व्यक्ति नहीं मिल सकेंगे। देश में पहली बार इस तरह से दीक्षा समारोह आयोजित होगा, इसी तकनीक को बायो-बबल नाम दिया गया है। संस्थान के उपनिदेशक प्रो. एस गणेश ने कहा, कोविड-19 महामारी के लगातार बदलते परिदृश्य को देखते हुए हम परिसर के अंदर अतिरिक्त एहतियात बरत रहे हैं। इससे उपस्थित लोगों के लिए अत्यंत सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। संस्थान के मीडिया प्रभारी गिरीश पंत ने बताया कि 1723 विद्यार्थियों को डिग्री और 80 को मेडल व पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। समारोह में शामिल होने वालों की आरटीपीसीआर जांच करा ली गई है। जो छात्र समारोह में शामिल नहीं होंगे, वे लेक्चर हाल में व संस्थान की ओर से उपलब्ध कराए गए लिक पर क्लिक करके समारोह का लाइव प्रसारण देख सकेंगे।
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यह होता है बायो बबल
बायो-बबल एक अवधारणा है, जिसे हाल ही में क्रिकेट मैच के दौरान विकसित किया गया। वहां एक जैव-सुरक्षित वातावरण बनाया गया था, ताकि कोरोना वायरस के जोखिम को कम किया जा सके। पहली बार किसी शिक्षण संस्थान ने अपने दीक्षा समारोह के लिए यह प्रयोग किया है।
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बाला मुरुगन समेत 21 विद्यार्थियों को मिलेगा पीएचडी थिसिस अवार्ड
जासं, कानपुर : आइआइटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिग के विद्यार्थी बाला मुरुगन जी, बीएसबीई के आरुष मोहित मित्तल, अनामिका, सिविल इंजीनियरिग के ज्ञानेश कुमार सिंह, बेहरा प्रसन्न कुमार, केमिकल इंजीनियरिग की खुशबू सुमन, केमिस्ट्री के बाला कुमार ई, सागर माय मंडल, सुजन सी, कंप्यूटर साइंस एड इंजीनियरिग में प्रवेंद्र सिंह, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग से विनोद कुमार कुर्मी, राकेश कुमार पंडा, अर्थ साइंस से मनब मुखर्जी, ह्यूमनिटीज एंड सोशल साइंस से प्रमा भट्टाचार्या, आइएमई से विकास सांगवान, मैकेनिकल इंजीनियरिग से गगनप्रीत सिंह, गणित एवं सांख्यिकीय अयान पाल, मैटीरियल साइंस एंड इंजीनियरिग निशीथ कुमार प्रसाद, भौतिकी से वरुण घोष, स्वयंश्री पात्रा, पीएसईपी से श्रीप्रसाद ए को पीएचडी थिसिस अवार्ड दिया जाएगा। सोमवार को द्वितीय सत्र में इन विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
--- प्रधानमंत्री को दिए 135 सुझाव, श्रेष्ठता का दर्जा देने की मांग
जासं, कानपुर : आइआइटी में संबोधन के लिए प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके छात्रों, शिक्षकों व वैज्ञानिकों से सुझाव मांगे थे। सोमवार रात तक करीब 135 लोगों ने प्रधानमंत्री को रिट्वीट करके सुझाव दिए और 4182 लोगों ने रिट्वीट व 17200 लोगों ने लाइक किया। इंजीनियर सत्यम गुप्ता ने लिखा कि आइआइटी के विद्यार्थियों को अपीन शिक्षा, तकनीक व स्टार्टअप को दिव्यांग लोगों की मदद के कार्यों में भी लगाना चाहिए। वेदांत आर वत्स ने लिखा है कि आइआइटी कानपुर को श्रेष्ठ संस्थान का दर्जा दिया जाना चाहिए। आलोक कुमार ने स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए आइआइटी की ओर से किए जा रहे शोधकार्यों में सहयोग की अपील की। निखिल कुरेले ने भी मेडिकल उपकरणों के क्षेत्र में शोध के लिए आइआइटी को स्थापित करने पर जोर दिया। हिमांशु ने भी आइआइटी को इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस का दर्जा देने की मांग की और कहा कि यह प्रदेश के लिए भी एक उपहार होगा।