दुश्मन की टोह लेगा, 'घायल' होने पर लौट आएगा
देश के अमन चैन के लिए खतरा बन रहे असामाजिक तत्वों की हर गतिविधि पर नजर रखना आसान होगा।
जागरण संवाददाता, कानपुर : देश के अमन चैन के लिए खतरा बन रहे असामाजिक तत्वों की हर गतिविधि पर नजर रखना आसान होगा। अब आइआइटी चेन्नई के छात्रों ने ड्रोन प्लेन के रूप में खास तरह का मानव रहित वायुयान (अनमैन्ड एयर व्हीकल-यूएवी) बनाया है जो दुश्मन के ठिकानों की निगरानी कर रिपोर्ट भेजेगा। अगर उस पर हमला होता है तो वह कुछ ही पलों में हवा में छूमंतर हो जाएगा। हमले में 'घायल' भी जाए यानी यूएवी के पार्ट्स टूट जाएं तो वह अपने आप जुड़ जाएंगे। हालांकि ऐसा तभी हो पाएगा, जब वह एक निश्चित दूरी में गिरे हों।
यह यूएवी मैग्नेटिक तकनीक पर काम करता है। जमीन पर गिरकर अलग होने के बाद भी ये उपकरण अपने आप जुड़ जाते हैं। यह ड्रोन प्लेन सात बार क्रैश टेस्टिंग पास कर चुका है। इसकी उपयोगिता को लेकर आइआइटी चेन्नई ने इसका अंतरराष्ट्रीय पेटेंट भी करा लिया है। आइआइटी कानपुर में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की ओर से आयोजित हैकाथॉन प्रतियोगिता में आइआइटी चेन्नई के छात्र इस ड्रोन को लेकर आए हैं।
100 किलोमीटर की दूरी कर सकता तय
यूएवी में 5000 एमएएच की बैटरी लगी है जिससे यह 100 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। वहीं ड्रोन इतनी बैट्री में महज 5 से 7 किलोमीटर तक ही जा सकता है। यूएवी को बनाने की लागत करीब 70 हजार रुपये आई है। इसे आइआइटी चेन्नई के एयरोस्पेस इंजीनिय¨रग विभाग के चित्रांश चौहान (भोपाल), ऋषभ वर्मा (जयपुर), अविनाश कृष्णा, ऐश्वर्या (नागपुर) और राहुल (ग्वालियर) ने डेढ़ साल की मेहनत से तैयार किया है।
लंबी वाय¨रग का कम प्रयोग
छात्र चित्रांश चौहान के मुताबिक इसमें लंबी वाय¨रग का कम से कम प्रयोग हुआ है। इस पर साधारण गुलेल के हमले या किसी पिलर से टकराने पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। फाय¨रग में जरूर प्रभावित हो सकता है। इस यूएवी के पार्ट्स को कुछ ही मिनटों में नए से बदला भी जा सकता है।