देश में नहीं ऐसी तकनीक, समुद्र में टिका रहेगा ये पांटून पुल, जानें क्या है खासियत Kanpur News
आइआइटी बीएचयू के छात्र की कंपनी ने तैयार किया है।
कानपुर, जेएनएन। नदियों और नहरों के ऊपर बनने वाले पांटून पुल (पीपे का पुल) अक्सर पानी का बहाव तेज होने पर बह जाते हैं लेकिन, आइआइटी बीएचयू के छात्र अंकित पटेल ने अपनी कंपनी द्वारा ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे पांटून पुल समुद्र में स्थायी रूप से टिके रहेंगे। आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर का दावा है कि यह तकनीक देश की पहली है, अभी तक किसी ने ऐसी तकनीक विकसित नहीं की है।
उप्र सरकार के साथ मिलकर बनाएंगे पुल
अंकित की कंपनी एक्वाफ्रेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (एआइपीएल) आइआइटी कानपुर के इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेल से जुड़ी है। इस सेल के इंचार्ज व बायोसाइंस एंड बायो इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अमिताभ बंदोपाध्याय ने ट्वीट करके बताया कि अंकित की कंपनी ने जो पांटून पुल की तकनीक तैयार की है, वैसी पूरे भारत में अभी तक किसी ने नहीं बनाई। उन्होंने बताया कि आइआइटी कानपुर ने अंकित की कंपनी को अच्छी राशि बतौर वर्किंग कैपिटल मुहैया कराई। अंकित की कंपनी उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर पांटून पुल तैयार करेगी। पहले चरण में वाराणसी में काम शुरू होगा।
पुल की ये है खासियत
इस पांटून पुल की खासियत होगी कि यह समुद्र के ऊपर टिका रहेगा, नदियों और नहरों पर भी प्रयोग किया जा सकेगा। इसके अलावा इसमें सेल्फ हाइट एडजस्टिंग पांटून पुल की गुणवत्ता भी मौजूद है। यानी पानी की ऊंचाई कितनी भी ज्यादा क्यों न हो जाए, पुल पर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ेगा।