कानपुर को स्वच्छ और सुंदर बनाने में मदद करेगा आइआइएम इंदौर, तैयार किया गया पूरा खाका
ठेले व ठेलियों को व्यवस्थित कर शहर को अतिक्रमण मुक्त किया जा सके। वर्तमान समय में नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार 30 हजार से ज्यादा ठेले-ठेलिया शहर में है। सड़क पर खड़े होने के कारण दिन भर जाम लगा रहता है।
कानपुर (राहुल शुक्ला)। बेतरतीब दौड़ते वाहन, अराजक यातायात-जाम, गंदगी और अतिक्रमण से बेहाल शहर की तस्वीर बदलने की कवायद फिर शुरू हुई है। मंडलायुक्त की पहल पर भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) इंदौर के विशेषज्ञ स्मार्ट सिटी लिमिटेड, कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) और पुलिस कमिश्नरेट अफसरों के साथ मिलकर स्वच्छ भारत मिशन के तहत तीन साल तक शहर को संवारेंगे। शुक्रवार को करार होने के बाद सभी मिलकर शहर को स्वच्छ, सुंदर और सुरक्षित बनाने के साथ ही पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा की योजना को साकार करेंगे और औद्योगिक हब के रूप में राष्ट्रीय क्षितिज पर बेहतर तस्वीर रखी जाएगी।
आइआइएम इंदौर उत्तर प्रदेश में अयोध्या के बाद अब कानपुर को स्वच्छ और जाम मुक्त बनाने का खाका तैयार करेगा। इंदौर की तरह शहर का भी स्वच्छता मॉडल तैयार किया जाएगा। इसके लिए आइआइएम के निदेशक प्रो.हिमांशु राय के साथ मंडलायुक्त, स्मार्ट सिटी के चेयरमैन व केडीए अध्यक्ष डा.राजशेखर और पुलिस कमिश्नर असीम अरुण स्वच्छ, सुंदर और सुरक्षित शहर बनाने के अनुबंध पर शुक्रवार को हस्ताक्षर करेंगे। संस्थान स्वच्छ भारत मिशन के तहत सूचना, शिक्षा और संचार पहलुओं पर कार्य करेगा जिसमें लोगों को भी जागरूक किया जाएगा। सिस्टम की कमियां दूर करने के लिए जनता का भी सहयोग लिया जाएगा, ताकि जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बदलाव कर सिस्टम बेहतर किया जा सके।
पहले चरण में फेरी नीति के तहत व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी, ताकि ठेले व ठेलियों को व्यवस्थित कर शहर को अतिक्रमण मुक्त किया जा सके। वर्तमान समय में नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार 30 हजार से ज्यादा ठेले-ठेलिया शहर में है। सड़क पर खड़े होने के कारण दिन भर जाम लगा रहता है। ऐसा माडल तैयार किया जाएगा ताकि उनके रोजगार पर असर न पड़े और शहर भी जाम से मुक्त हो जाए। शहर में लगे इंटीग्रेटेड टैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की कमियों को समझ कर दूर किया जाएगा ताकि ट्रैफिक सिग्नल के इशारे पर शहर के वाहन दौड़े। साथ ही शहर को इंदौर की तर्ज पर गंदगी मुक्त किया जाएगा। ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि घर-घर से अलग-अलग कूड़ा सीधे कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट तक पहुंचे। सड़क पर गंदगी नहीं आएगी तो शहर स्वत: स्वच्छ रहेगा।
इनका ये है कहना
इंदौर का स्वच्छता माडल बेहतर है। इसीलिए आइआइएम इंदौर की तकनीक को यहां अपनाया जाएगा। तीन साल के करार में आइआइएम शहर को बेहतर बनाने में मदद करेगा। संस्थान यहां मानवशक्ति से दक्षतापूर्ण काम लेने का हुनर भी सिखाएगा। - डा.राजशेखर, मंडलायुक्त, कानपुर
कानपुर में स्वच्छता के क्षेत्र में काफी काम करने की जरूरत है। ये हमारी जन्मभूमि है जबकि मध्य प्रदेश कर्मभूमि। आइआइएम से करार के बाद यहां सूचना, शिक्षा और संचार के तहत रणनीति बनाकर सुधार के प्रयास किए जाएंगे। गूगल सेटेलाइट से निरीक्षण कराकर यहां की यातायात समस्या को दूर करेंगे। सड़क पर लगने वाले ठेलों को एक जगह लगवाने का प्रयास करेंगे ताकि शहर की बेहतर छवि निखरे।- प्रो.हिमांशु राय, निदेशक आइआइएम इंदौर